जिला जालौन में नामांकन के पहले दिन ही उड़ी धारा 144 और कोरोना गाइड लाइन की धज्जियां
– जिम्मेदार अधिकारी भी दिखे बिना मॉस्क
उरई। भले ही सरकार कोरोना को लेकर बेहद चिंतित है और कोरोना से बचाव को लेकर गाइड लाइन भी जारी की गई है लेकिन चुनावी महासंग्राम के समर में कोरोना कहीं नहीं दिख रहा है। कलेक्ट्रेट में ही प्रत्याशियों और उनके समर्थकों ने कोरोना के नियमों की धज्जियां उड़ाई। आश्चर्य की बात तो यह है कि कलेक्ट्रेट में ही जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी सहित कई आलाधिकारियों का आफिस है लेकिन किसी ने भी कोरोना की गाइड लाइन पालन कराने की जहमत नहीं उठाई।
मंगलवार से जिला पंचायत सदस्य पद के नामांकन शुरू हो गए। आज नामांकन का पहला दिन था जिसके चलते प्रत्याशियों ने मुहूर्त के हिसाब से कलेक्ट्रेट आकर अपना पर्चा दाखिल किया। पहले दिन ही प्रत्याशियों की नामांकन करने की भीड़ उमड़ पड़ी। हर प्रत्याशी अपने साथ एक दर्जन से अधिक समर्थक लाए थे। हालांकि नामांकन के दौरान प्रत्याशी और एक समर्थक को ही कलेक्ट्रेट में प्रवेश दिया गया लेकिन दूसरे गेट से दर्जनों समर्थक कलेक्ट्रेट के अंदर आ गए जहां पर पर्चा दाखिल किया जाना था वहां पर दोपहर बारह बजे तक तो आराम से पर्चा दाखिल होते रहे लेकिन उसके बाद तो प्रत्याशियों और उनके समर्थकों का एेसा हुजूम उमड़ा कि कोरोना की भी हिम्मत नहीं हुई कि वह किसी को भी अपनी चपेट में ले सके।
नामांकन कक्ष के बाहर दर्जनों की संख्या में प्रत्याशियों का हुजूम खड़ा था जिनको नियंत्रित करने के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं थी जिसके चलते हालात और भी ज्यादा बिगड़ गए। शासन के कोरोना के नियमों की परवाह किसी को नहीं थी। प्रत्याशियों और उनके समर्थकों के मुंह पर न ही मास्क था और न ही सामाजिक दूरी। हर कोई अपनी बारी के लिए एक दूसरे को धकेलते हुए आगे बढऩे की जुगत में लगा था। प्रत्याशियों और उनके समर्थकों की भारी भीड़ उमडऩे के बाद भी किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने मौजूद लोगों से कोरोना गाइड लाइन को फालो करने की जहमत तक नहीं उठाई। नामांकन के पहले दिन ही कोरोना की धज्जियां उड़ती नजर आई। प्रशासन द्वारा धारा 144 का भी किसी ने पालन नहीं किया।