न्यायिक अधिकारियों ने जिले में संचालित दो आश्रय गृहों का किया निरीक्षण
निरीक्षण के दौरान मिलीं खामियां, जताई नाराजगी

उरई। माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार शनिवार 16 सितम्बर को न्यायिक अधिकारियों ने जिले में संचालित दो शेल्टर होम राठ रोड में संचालित ‘वृद्धाश्रम’ एवं मु0 लहरियापुरवा स्थित ‘आश्रय-गृह’ का औचक निरीक्षण किया। यहां उन्होंने बहुत बारीकी से व्यवस्थाओं को परखा और आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रबंधकों को दिये। न्यायिक अधिकारियों ने उक्त दोनो आश्रय स्थलों में रह रहे आश्रितों के रहन-सहन, खानपान, चिकित्सा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, सुरक्षा और बुनियादी व्यवस्थाओं को जांचा-परखा।
सबसे पहले समाज कल्याण विभाग द्वारा राठ रोड उरई में स्वैच्छिक संस्था शिवा ग्रामोत्थान सेवा संस्था, एफ-473 गुजैनी रतनलाल नगर, कानपुर नगर के सहयोग से संचालित वृद्धाश्रम में निरीक्षण के दौरान 106 संवासी उपस्थित मिले। उपस्थित पंजिका के अनुसार सभी कर्मचारी उपस्थित मिले। वृद्धाश्रम की संवासियों से पूछा गया कि उन्हे चाय-नाश्ता और सुबह-शाम का भोजन समय से मिल रहा है या नहीं इस पर संवासियों द्वारा मेन्यू के अनुसार भोजन मिलना बताया गया। इस सम्बन्ध में मेन्यू चार्ट को क्रॉस चेक भी किया गया। वृद्धाश्रम की मेडिकल डिस्पेंसरी का निरीक्षण करने पर स्टाफ नर्स उपस्थित थीं। संवासियों की चिकित्सा/प्राथमिक उपचार हेतु डिस्पेंसरी में आवश्यक दवाएं मिली। नगर पालिका परिषद उरई के सहयोग से मु0 लहरियापुरवा में लखनऊ के एक एनजीओ द्वारा संचालित आश्रय गृह (शेल्टर होम) में न्यायिक अधिकारियों ने विभिन्न बिन्दुओं पर जांच-पड़़ताल की।
निरीक्षण समय मौके पर मौके पर मात्र 4 कर्मचारी उपस्थित मिले। शेष एक अनुपस्थित कर्मचारी के सम्बन्ध में पूछे जाने पर प्रबन्धक विनय गौतम द्वारा बताया गया कि वह अवकाश पर हैं। यहां की आश्रित पंजिका में निरीक्षण तिथि में एक भी आश्रित पंजीकृत नहीं मिला। आश्रय गृह के बाथरूम अत्यन्त गन्दे मिले तथा आश्रय गृह के अन्दर एवं बाहर गंदगी पायी गयी, जिसे तत्काल दूर कराये जाने हेतु तथा नियमित साफ-सफाई रखने के सम्बन्ध में प्रबंधक को निर्देशित किया गया। निरीक्षण करने वाली इस अनुश्रवण समिति में अपर जिला जज प्रथम अरूण कुमार मल्ल, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट महेन्द्र कुमार रावत एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव रेनू यादव शामिल रहे।