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रायपुर हवाई अड्डे को एटीएस टॉवर से अंतरराष्ट्रीय विमानों की भी हो सकेगी निगरानी : प्रवक्ता रुडी

रायपुर (न्यूज़ एजेंसी) नहीं यार ट्रैफिक कंट्रोल एटीसी टावर पर योजना अब रायपुर हवाई अड्डे पर विमानों की निगरानी के लिए कार्य करेगी। नागरिक उड्डयन मंत्रालय की सलाहकार समिति के वरिष्ठ सदस्य राजीव प्रताप रुडी ने कहा कि इस टॉवर के जरिए अब दोगुनी ऊंचाई से हवाई उड़ानों की मॉनिटरिंग होगी। टॉवर में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की मॉनिटरिंग के मद्देनजर कई हाइटेक मशीनें स्थापित की गई है, जिसके जरिए एटीसी टीम आधुनिक तरीके से राडार पर विमानों की ताजा स्थिति का सटीक अध्ययन कर पाएंगे।
विदित हो कि बिहार के सारण लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के सांसद, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रुडी की राजनीति के साथ-साथ विमानन क्षेत्र में विशेष रुची है। यही कारण है कि जब भी मौका मिलता है, वो विमान उड़ाने की अपनी ख्वाहिश अवश्य पूरी करते है। वे न केवल कॉमर्सियल पायलट के प्रमाणपत्र धारक है बल्कि लिमका बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दुनिया के एक मात्र सांसद के रूप में पायलट होने का रिकार्ड भी दर्ज है। रुडी व्यावसायिक विमानों के उड़ान में कैप्टन की भूमिका अदा करते है।प्रताप पुरी ने कहा कि बतौर व्यावसायिक पायलट होते हुए अपने रायपुर की उड़ान के दौरान रुडी ने एटीसी की समस्या को व्यवहारिक रूप से महसूस किया तो उन्हें लगा कि यहाँ आधुनिक एटीसी टावर की आवश्यकता है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की अध्यक्षता में 7 दिसम्बर को नागरिक उड्डयन मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक के दौरान रूडी ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री का ध्यानाकृष्ट कराया कि नये एटीसी टॉवर का भवन बने हुए दो वर्ष हो गये पर एटीसी परिचालन में अभी तक नहीं आया है। उन्होंने मंत्री से प्रगति के बाबत प्रश्न किया और बताया कि रायपुर में नए तकनीकी ब्लॉक-सह-कंट्रोल टावर का निर्माण 20 अप्रैल 2017 को शुरू करते हुए उसका सिविल कार्य 06 जुलाई 2020 को ही पूरा कर लिया गया था परन्तु अभी तक इस टावर को परिचालन में नहीं लाया गया है। उन्होंने इसे शीघ्र परिचालन में लाने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके जवाब में मंत्री ने पत्र के माध्यम से बताया कि वर्तमान में सभी संचार सुविधाएं स्थापित की जा चुकी हैं और 1 जनवरी 2022 को नए नियंत्रण टावर से समानांतर संचालन की योजना है। रुडी ने कहा कि कोविड -19 महामारी और लॉकडाउन के कारण विभिन्न संचार सुविधाओं जैसे वीएचएफ ट्रांसमीटर, रिसीवर, आदि की खरीद, आपूर्ति और स्थापना में देरी हुई है परन्तु ये उपकरण अब टावर में स्थापित कर दिये गये है। अब जनवरी 2022 में इस नए एटीसी टॉवर के शुरू होने के बाद एयरपोर्ट से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के रास्ते खुलेंगे, क्योंकि तब एयरपोर्ट अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए आधुनिक राडार सिस्टम के साथ काम करने में भी सक्षम होगा और विमानन कंपनियां आकर्षित होंगी, वहीं नई उड़ानों को लेकर संभावनाएं बढेंगी।

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