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इस सप्ताह शुरू हो रहा है चौथा द इंडियन क्लीन एयर समिट (आईसीएएस)

लखनऊ। विख्यात विशेषज्ञ इस महीने के अंत में (23-26 अगस्त, 2022) इंडिया क्लीन एयर समिट 2022 (आईसीएएस 2022) में शामिल होंगे. इस समिट में वे वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन को हल करने के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण का आह्वान करेंगे और इन दोनों चुनौतियों को संयुक्त रूप से संबोधित करने वाली नीतियों के समानताओं को उजागर करेंगे एवं इसके प्रमुख लाभों की पहचान करेंगे.

आईसीएएस वायु प्रदूषण पर भारत का प्रमुख कार्यक्रम है और इसका आयोजन सेंटर फॉर एयर पॉल्यूशन स्टडीज (सीएपीएस) द्वारा सेंटर फॉर स्टडी ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी एंड पॉलिसी (सीएसटीईपी) – एक नीति-अनुसंधान थिंक टैंक में किया जा रहा है. इस चार दिवसीय कार्यक्रम में वायु प्रदूषण के समाधान पर वैज्ञानिक, नीति निर्माता, टैकनोलजिस्ट और प्रभावित समुदायों एक मंच पर चर्चा करेंगे.

डॉ. जय असुंडी, कार्यकारी निदेशक, सीएसटीईपी ने कहा, “वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन दोनों ही गंभीर चिंता का विषय हैं. विज्ञान और प्रौद्योगिकी के जरिए समाधानों की तलाश करने वाले संगठन के रूप में, हमने इन दो ‘विनाशकारी’ समस्याओं का पर्यवेक्षण एक साथ करने की चुनौती अपने हाथों में ली है. हमारा उद्देश्य यह पता लगाना है कि कैसे तकनीकी और नीतिगत समाधानों को स्थायी परिणाम प्राप्त करने और अधिक प्रभावी बनाने के लिए एकीकृत किया जा सकता है.”

उन्होंने आगे बताया, “आईसीएएस के आयोजन के जरिए, सीएसटीईपी एक ऐसे इकोसिस्टम के निर्माण और विकास के लिए मंच तैयार कर रहा है जहाँ विभिन्न समुदाय – अकादमिक जगत, नागरिक समाज, उद्योग और सरकार – बेहतर तरीके से अनुसंधान करेंगे, श्रेष्ठतर समाधान विकसित करने में मदद करेंगे और इन्हें साथ मिलकर प्रभावी ढंग से लागू करेंगे.”

वक्ता इस बात की पड़ताल करेंगे कि अक्षय ऊर्जा की ओर भारत के ऊर्जा अंतरण (ट्रांजीशन) का वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के दोहरे संकटों पर क्या प्रभाव पड़ेगा. प्रतिभागी राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (नन-अटेंमेंट सिटीज में प्रदूषण से निपटने के लिए भारत की रणनीति) के कार्यान्वयन में सुधार के उपायों, आंकड़ों के लोकतांत्रिक उपयोग की जरुरत और जमीनी स्तर पर समाधान लागू करने के लिए विभिन्न समुदायों के साथ साझेदारी निर्माण पर भी चर्चा करेंगे.

आईसीएएस 2022 के एक हिस्से के रूप में, यूसी डेविस एयर क्वालिटी रिसर्च सेंटर (एक्यूआरसी) के साथ मिलकर सीएसटीईपी पहली बार एयर सेंसर्स इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस – इंडिया (एएसआईसी – इंडिया) आयोजित कर रहा है. एएसआईसी – इंडिया वायु प्रदूषण निगरानी और प्रबंधन के क्षेत्र में सेंसर टेक्नोलॉजी एप्लीकेशन्स पर प्रशिक्षण प्रदान करेगा. सम्मेलन के माध्यम से, यूसी डेविस एक्यूआरसी और सीएसटीईपी ने भारत में सेंसर टेक्नोलॉजी से संबंधित सार्वजनिक दृष्टिकोण पर विचार-विमर्श और इसके निर्माण के लिए पेशेवरों को एक साथ लाने की कल्पना की है. एएसआईसी अमेरिका में प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है और इस क्षेत्र के अंतर्राष्ट्रीय पेशेवरों को एक मंच पर लाता है.

सीएपीएस की प्रमुख डॉ प्रतिमा सिंह कहती हैं, “वायु प्रदूषण की चुनौतियों से निपटने के लिए जलवायु परिवर्तन की व्यापक समझ की भी आवश्यकता है. जलवायु के परिप्रेक्ष्य से वायु प्रदूषण पर विचार करने से हमें सुरक्षित और टिकाऊ वातावरण संबंधी उपाय खोजने में मदद मिल सकती है. आईसीएएस 2022 में, हम इस पर विचार करेंगे कि वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन संबंधी नीतियां एक साथ मिल कर कैसे समाधान तलाश कर सकती हैं. अलग-अलग काम करते हुए अब हम कार्यान्वयन योग्य समाधान हासिल नहीं कर सकते हैं. विभिन्न समुदायों को एक साथ लाकर, हम ज्ञान के अंतर को पाटना चाहते हैं और कारगर समाधान की खोज करना चाहते हैं.”

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