किसानों को नहीं लगाने होंगे तहसील के चक्कर, गांव-गांव विरासत दर्ज कर बांटी गई खतौनी

माधौगढ़ (प्रिन्स द्विवेदी) विरासत दर्ज कराने के लिए किसानों को महीनों तहसील के चक्कर लगाने पड़ते थे। उसके बाद भी लेखपाल टस से मस नहीं होते थे और किसान थक-हार कर चुप हो जाता था या मजबूरी में भ्रष्टाचार के मकड़जाल में फंसता था लेकिन अब किसानों को राहत मिलेगी अभियान के तहत विरासत दर्ज कर राजस्व का प्रशासनिक अमला किसानों को गांव में सामूहिक रूप से खतौनी का वितरण करेगा।
उपजिलाधिकारी और तहसीलदार ने बांटी खतौनी –
उपजिलाधिकारी पुष्करनाथ चौधरी ने बावली, जायघा गांव में तो तहसीलदार सुशील सिंह ने महुटा गांव में चौपाल लगाकर किसानों के बीच अविवादित मामलों में विरासत दर्ज कर वहीं किसानों को खतौनी का वितरण किया। जबकि विवादित मामलों के लिए तहसीलदार के न्यायालय में प्रार्थना पत्र देने की बात कही गई। इसके साथ ही उपजिलाधिकारी ने शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में चौपाल लगाकर ग्रामीणों को बताया। एसडीएम ने किसानों के हित में चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि जिस किसान को कोई परेशानी हो वह उनके कार्यालय में आकर जानकारी ले और शासन की योजनाओं का लाभ ले सकता है। इस दौरान राजस्व निरीक्षक अभिषेक मिश्रा, शिवम राठौर सहित सम्बंधित लेखपाल मौजूद रहे।