जिलाधिकारी की अध्यक्षता में डी.सी.सी एवं डी.एल.आर.सी. की बैठक हुई सम्पन्न

उरई/जालौन। अग्रणी जिला प्रबंधक श्री संदीप सिन्हा, मुख्य प्रबंधक द्वारा वर्तमान वित्त वर्ष 2022-23 के प्रथम त्रैमास जून 2022 की डी.सी.सी. एवं डी.एल.आर.सी. की बैठक का आयोजन रानी लक्ष्मीबाई सभागार विकास भवन उरई में किया गया। जिलाधिकारी चाँदनी सिंह की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न की गयी। जिलाधिकारी ने समस्त बैंक को निर्देशित किया कि जिले में कोल्ड स्टोरेज एवं वेयर हाउस में ऋण देने की बहुत आवश्यकता है एवं समस्त बैंक इसकी बनाकर योजना बनाकर जिलाधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत करने के लिये निर्देश दिये।
बैठक में आर.बी.आई. से सहायक महाप्रबंधक शिव सिंह अधिकारी ने समस्त बैंकों के जिला समन्वयकों को निर्देश दिये कि सभी बैंकों को अपने ऋण-जमा अनुपात को राष्ट्रीय मानक के 60 प्रतिशत तक पहुचाने की आवश्यकता है। जो कि जिला स्तर पर 50.91 प्रतिशत है एवं उन्होने बताया कि प्रत्येक बैंक को कुल ऋण का 40 प्रतिशत प्राथमिकता के क्षेत्र में, जिसमें कृषि क्षेत्र में 40 प्रतिशत, एम.एस.एम.ई. मे 18 प्रतिशत करने की आवश्यकता है। मुख्य विकास अधिकारी ने स्वानिधि प्रथम एवं द्वितीय ऋण प्रदान करने प्रगति बढ़ाने हेतु के अंतर्गत डूडा विभाग के अधिकारियो को निर्देश दिये कि वो उन लाभार्थीयो की सूची तैयार कर प्रस्तुत करे जिनको पता नही लग रहा है। जिलाधिकारी ने समस्त बैंकों को निर्देश दिये कि समस्त योजनाओं में जहाँ पर स्वीकृति दी है उसको माह सितम्बर अंत तक वितरित कर दे अन्यथा उनके उच्च अधिकारियों को कड़ी कार्यवाही लेने हेतु सूचित कर दिया जायेगा
डी.डी.एम. नाबार्ड ने बताया कि नाबार्ड के अंतर्गत कृषि क्षेत्र मे विभिन्न योजनाएं है जिनसे किसानों की आय को दोगुना किया जा सकता है योजनायों मे जैसे के.सी.सी पशुपालन एवं मत्स्य पालन, ए.आई.एम. (एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रकचर मार्केटिंग), के.सी.सी. एवं अन्य योजनाओं को समस्त जिला समन्वयक को ऋण प्रदान करने के निर्देश दिये है।
जिलाधिकारी ने सी.सी.एल. की लिंकेज के संबंध में सभी बैंक अधिकारी को निर्देशित किया कि समस्त बैंके स्वीकृत आवेदनों को तुरंत वितरित कर दें ताकि प्रगति मे सुधार आये एवं समस्त बैंकों को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिये दिशा निर्देश दिए इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने अग्रणी जिला प्रबंधक एवं डी.सी. एन.आर.एल.एम. को निर्देश दिये कि आप अपने विभाग एक-एक प्रतिनिधि नियुक्त कर सप्ताह में चार दिन भ्रमण करा कर इस योजना के प्रगति बढायेगे ताकि लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
जिलाधिकारी ने कहा कि पशुपालन एवं मत्स्य पालन के क्षेत्र में विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है एवं इसके अंतर्गत डी.सी. एन.आर.एल.एम., मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी, मत्स्य पालन अधिकारी एवं समस्त बैंको के निर्देश दिये कि इस योजनान्तर्गत स्वयं सहायत समूह की महिलायो को प्राथमिकता दे ताकि इस क्षेत्र ग्रामीण महिलाये बढ़-चढ़ कर हिस्सा लें सके।
जिलाधिकारी ने बताया कि पं० दीनदयाल अंत्योदय योजना (एन.यू.एल.एम.),पी.एम. स्वानिधि, एन.आर.एल.एम. सीसीएल, एन.यू.एल.एम., एम.वाई.एस.बाई., ओ.डी.ओ.पी. एवं पं दीनदयाल स्वतः रोजगार योजना के प्रचार प्रसार कराने की आवश्यकता है ताकि इन योजनाओं का और लाभार्थी इस योजना से लाभ ले लें। जिलाधिकारी ने समस्त बैंक नोडल अधिकारी/जिला समन्वयक को निर्देश दिये कि पं० दीनदयाल अंत्योदय योजना (एन.यू.एल.एम.),पी.एम. स्वानिधि, एन.आर.एल.एम. सीसीएल, एन.यू.एल.एम., एम.वाई.एस.बाई.,ओ.डी.ओ.पी. एवं पं दीनदयाल स्वतः रोजगार योजना में अभियान चलाकर ऋण प्रकरण को निस्तारित करने की आवश्यकता ताकि बैंक मे ज्यादा प्रकरण लंबित न हो।
जिलाधिकारी ने समस्त जिला समन्वयकों को निर्देश दिये कि समस्त जिला समन्वयक हर योजना कि शाखावार सूची तैयार कर बैठक मे सम्मिलित हो अन्यथा उनके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डॅा0 अभय कुमार श्रीवास्तव, डी.डी.एम. नाबार्ड पारितोष कुमार, आरबीआई से एजीएम. शिव सिंह, डी.सी. मनरेगा/एनआरएलएम अवधेश दीक्षित, जिला विकास अधिकारी सुभाष चन्द्र त्रिपाठी, उपनिदेशक कृषि, जिला पशुपालन अधिकारी, प्रबंधक डी.आई.सी एवं जिला अग्रणी कार्यालय से अविनेश गोयल, प्रबंधक जिला उघोग केन्द्र एवं लाइन डिपार्टमेंट के अधिकारी व सभी बैंकों के जिला समन्वयक उपस्थित रहे।