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बैंक हड़ताल से लखनऊ में 2500 करोड़ का लेन-देन हुआ प्रभावित

बड़े औद्यौगिक घरानों ने बैंको को खूब लूटा – के के
लखनऊ। यूनाइटेड फोरम ऑफ़ बैंक यूनियंस ने सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों का निजीकरण किये जाने की विरोध में दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का आवाह्न किया। पहले दिन के हड़ताल के क्रम में राजधानी स्थित स्टेट बैंक प्रधान कार्यालय पर विशाल सभा आयोजित की गई जिसमें बड़ी संख्या में बैंककर्मियों ने केंद्र की इन कोशिशों के खिलाफ जोरदार प्रर्दशन किया। बताया गया कि बैंक हड़ताल के समर्थन में कई संगठन आगे आये जिनमें आर्यावर्त बैंक के प्रदेश के 26 जिलों के सात हजार बैंककर्मी तथा देश के 45 ग्रामीण बैंकों के एक लाख बैंककर्मी भी हड़ताल में शामिल हैं। वहीं लखनऊ के कई व्यापारिक संगठनों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने यह भी कहा चूंकि अब खासकर तमाम थोक कारोबारों का व्यवसायिक लेनदेन बैंकों के माध्यम से होता है, ऐसे में हड़ताल के चलते कामकाज काफी प्रभावित रहा।

लखनऊ में हड़ताल की अगुवाई कर रहे नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ बैंक एम्पलॉइज के प्रदेश महामंत्री केके सिंह ने कहा कि बड़े औद्यौगिक घरानों ने राजनीतिक प्रभाव का उपयोग कर बैंको को खूब लूटा है और आज बैंकों के कुप्रबन्धन के चलते अनेक घोटाले उजागर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार उसे रोकने के बजाय बैंको का निजीकरण कर आमजन की सामान्य बैंकिग सुविधाएं छीनना चाहती है। आयबाक (आल इंडिया बैंक आफीसर्स कन्फेडरेशन) के अध्यक्ष पवन कुमार ने कहा कि वित्तमंत्री ने बजट भाषण में देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के नाम पर सार्वजनिक क्षेत्र के दो अन्य बैंकों को निजी क्षेत्र में बेच देने की बात कहकर सरकार का इरादा बता दिया है। आल इंडिया बैंक इम्पलाइज एसोसियेशन के वरिष्ठ पदाधिकारी दीप बाजपेई ने कहा कि सरकार जनता की गाढ़ी कमाई, बैंको का निजीकरण करके पूंजीपतियों को सौंपना चाह रही है। फोरम के प्रदेश संयोजक वाई के अरोड़ा ने कहा कि बैंककर्मी तथा आमजन इसे किसी तरह सफल नहीं होने देंगे। जिला संयोजक अनिल श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार की इन नीतियों के विरोध में बैंककर्मी चार फरवरी 2021 से धरना, प्रदर्शन, पोस्टर कैम्पेन, मास्क धारण, टिवटर कैम्पेन तथा रैली आदि के माध्यम से विरोधात्मक कार्यक्रम कर रहे हैं।

कई एटीएम मशीन हो गये खाली –
बैंकिंग संगठन के मीडिया प्रभारी अनिल तिवारी ने बताया कि विभिन्न स्रोतों के अनुसार हड़ताल से लखनऊ में लगभग 2500 करोड़ तथा प्रदेश में 30 हजार करोड़ का लेनदेन प्रभावित रहा। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लखनऊ जिले की 905 शाखाओं के दस हजार बैंककर्मी तथा प्रदेश की 14 हजार शाखाओं के दो लाख बैंककर्मी हड़ताल में शामिल रहें। लखनऊ में 990 और प्रदेश के 12 हजार एटीएम मशीनों में से कई मशीनों में कैश समाप्त होने से लोग अपना पैसा नहीं निकाल सके। आगे जानकारी दी कि हड़ताल के दूसरे दिन मंगलवार को सभा व प्रदर्शन इंडियन बैंक शाखा (पूर्व इलाहाबाद बैंक) हजरतगंज के सामने होगी।

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