उरई/जालौन।रविवार 28 फरवरी को दयानंद वैदिक कॉलेज में चल रहे सात दिवसीय विशेष शिविर के पंचम दिन की शुरुआत चारों इकाइयों के कार्यक्रम अधिकारियों द्वारा अपने अपने निर्धारित मलिन बस्तियों में प्रेरणात्मक कार्य से प्रारंभ करके हुई।
प्रेरणात्मक कार्य के प्रारंभ में प्रथम एवं चतुर्थ इकाई के कार्यक्रम अधिकारी डॉ माधुरी रावत एवं डॉ सुरेंद्र यादव छात्र एवं छात्रा स्वयंसेवकों के साथ उरई स्थित वृद्धा आश्रम में समाजसेवी रोहित विनायक के साथ पहुंचकर उनका हाल चाल जाना एवं उनके जीवन के अनुभव को साझा किया। आपस में सुख-दुख को बांटा तथा संस्मरण को नोट कर कई विद्यार्थी भावुक भी हुए। समाज में निरंतर वृद्धाश्रमों की संख्या का बढ़ना सभ्य समाज के लिए अच्छा संकेत नहीं है उक्त वाक्य डॉ माधुरी रावत कही। इस दौरान राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर के अंतर्गत छात्र-छात्राओं को संवासी वृद्धाश्रम में ले जा कर उन्हे वहां की व्यवस्था व समाज के कटु सत्य से परिचित कराने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्हें समाज का ये चेहरा देखकर बहुत आश्चर्य हुआ तो कुछ छात्राएं अपनी भावनाओं को ना रोक पाई। इसी को लेकर कुछ दो पंक्तियाँ इस प्रकार है कि – “दर-दर भटक रहे थे, पर दर नहीं मिला ! उन माँ बाप के चार बेटे है, पर रहने को घर नहीं मिला” इसी क्रम में द्वितीय एवं तृतीय इकाई के कार्यक्रम अधिकारी डॉ नीता गुप्ता एवं डॉ सुरेंद्र मोहन ने छात्राओं के साथ कांशीराम कॉलोनी एवं घनश्याम बस्ती के मलिन बस्तियों में पहुंचकर लोगों के समक्ष साफ सफाई कर स्वच्छता का उदाहरण प्रस्तुत किया एवं मतदाता जागरूकता हेतु रैलियां निकाली। इस अवसर पर दीनदयाल एवं गोकुल उपस्थित रहे।