– औंता व जददेवपुर आदि जगहों पर मिट्टी खनन का कारोबार जोरों पर उरई/जालौन। जनपद जालौन में मिट्टी का अवैध खनन बिना रुकावट के निरंतर जारी है जिसकी वजह से यह अवैध खनन लगातार मीडिया की सुर्खियों में बना रहता है लेकिन इस पर कोई कार्रवाई होती हुई नहीं दिखती और लगातार जेसीबी मशीनों द्वारा जमीन को चीर कर उससे बेशकीमती मिट्टी चंद नोटों के लिए अवैध तरीके से बाजारू कर दी जाती है ऐसा नहीं कि जनपद में यह एक ही जगह किया जा रहा हो अगर देखा जाए तो जनपद के चारों कोनों में मिट्टी खनन का कार्य बेधड़क बड़ी-बड़ी जेसीबी मशीनों द्वारा किया जा रहा है जिससे एक तो जमीन की उर्वरता खत्म हो ही रही है वही जहां यह खनन किया जाता है कई मीटर बड़े-बड़े गड्ढे या कहे तालाब नुमा बना दिए जाते हैं कुछ तो वन भूमि के जमीनों में होता है और कुछ कमजोर लोगों की जमीनों को हत्या कर जबरन किया जाता है खनन का यह कारोबार अधिकतर अंधेरी रात के समय होता है और उसी समय सड़कों पर बेतहाशा रफ्तार में ट्रैक्टर ट्राली द्वारा सुनिश्चित जगहों पर डाल दिया जाता है सबसे आश्चर्य की बात यह है कि यह कार्य किसी एक का नहीं बल्कि इस कार्य के पीछे कई सफेदपोश एवं खाकीधारी होते हैं जो अपने जमीर को बेच कर चंदन कागज के टुकड़ों के पीछे इस अवैध कार्य के संरक्षक बन जाते हैं और अगर कोई आवाज उठाता है तो उसको इस कार्य के लिए खामियाजा भी भुगतना पड़ता है। अब बात करें उरई कोतवाली के उरई नगर भी इस अवैध कार्य से अछूता नहीं है क्योंकि यहां भी समीपवर्ती गांव औंता व जगददेवपुर से मिट्टी खनन का अवैध कारोबार खूब फल फूल रहा है जिसका विरोध अखबारों की सुर्खियों के रूप में भी दिखाई देता है और मुख्यालय पर शिकायत कर्ताओं द्वारा भी लेकिन इस मामले में न तो नेता साथ देते हैं और न ही प्रशासनिक अधिकारी शायद इसकी वजह कहीं न कहीं मिलता पारस्परिक लाभ है। आखिर कौन है वह जिनका आशीर्वाद इन लोगों के ऊपर सदैव बना रहता है और प्रशासनिक कार्यवाहियों से हमेशा बचे रहते हैं। ग्रामीणों की माने तो ये खनन माफिया दबंग लोग हैं और इनका विरोध करते हैं तो यह जान से मारने की धमकियां देते हैं और कहते हैं कि आपको जहां जाना है जो कार्यवाही करनी है कर सकते हैं क्योंकि प्रशासन मेरे हाथ में है।