उत्तर प्रदेशजालौनटॉप हेडलाइंसबड़ी खबर

डिप्थीरिया की सूचना पर पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम

उरई/जालौन। शहर के स्लम एरिया उमरारखेरा में एक चार साल की लड़की डिप्थीरिया की चपेट में आ गई है। परिजन उसे लेकर जब राजकीय मेडिकल कालेज पहुंचे तो डिप्थीरिया का खुलासा हुआ। बच्ची को मेडिकल कालेज झांसी के लिए रेफर कर दिया गया है। डिप्थीरिया की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और मोहल्ले का सर्वे कर बच्चों व वयस्कों को टीडी और डीपीटी के टीके लगाए।
शहर के मोहल्ला उमरारखेरा में घुमंतू कंजड़ समुदाय की एक चार वर्षीय मोरनी पुत्री उदी के मुंह में जाला बनने लगा था। परिजन उसे लेकर 26 अगस्त को मेडिकल कालेज पहुंचे। डिप्थीरिया जैसे लक्षण मिलने पर जांच कराई गई तो डिप्थीरिया की पुष्टि हुई। इस पर बच्ची को झांसी मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया। जहां उसका इलाज चल रहा है। डिप्थीरिया की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग के नगरीय प्रतिरक्षण अधिकारी डा. जितेंद्र कुमार, जिला शहरी स्वास्थ्य कोआर्डिनेटर संजीव कुमार चंदेरिया, नगरीय पीएचसी उमरारखेरा के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ० अभिलाष पटेल और डब्लूएचओ के मानीटर सौरभ मिश्रा टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने सर्वे कराया, फिलहाल किसी अन्य व्यक्ति में डिप्थीरिया के लक्षण नहीं मिले, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एहतियाती तौर पर मोहल्ले के सभासद सनी के साथ मोहल्ले का सर्वे कर करीब 96 बच्चों और वयस्कों को प्रतिरोधी टीके लगाए। आशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्री, एएनएम के साथ टीम ने सभासद से मोहल्ले में सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने का अनुरोध किया।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ० वीरेंद्र सिंह ने बताया कि सूचना पर टीम मौके पर गई थी। लोगों को साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है। फिलहाल स्थिति में सुधार है। एसडीएम सदर रामकुमार से भी सहयोग मांगा गया है।
एसीएमओ शहरी स्वास्थ्य डॉ० एस डी चौधरी का कहना है कि डिप्थीरिया संक्रमण से फैलने वाली बीमारी है। इसे गलाघोटू बीमारी भी कहते हैं। इसकी चपेट में अधिकतर बच्चे आते है। डिप्थीरिया कारीनेबैक्टेरियम बैक्टीरिया के इंफेक्शन से होता है। इस बीमारी में बैक्टीरिया सबसे पहले गले को नुकसान पहुंचाता है। इसके इंफेक्शन के असर से सांस नली में एक झिल्ली बन जाती है। जिसके कारण सांस लेने की समस्या होती है। इसके अलावा शरीर के कई अंगों को भी नुकसान पहुंचता है। डिप्थीरिया एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक आसानी से फैलता है। कभी कभी यह बीमारी जानलेवा साबित होती है।

डिप्थीरिया के लक्षण
डिप्थीरिया के लक्षण संक्रमण फैलने के दो से पांच दिनों में दिखाई देते है। स्किन का रंग नीला पड़ने लगता है।
डिप्थीरिया संक्रमण फैलने पर सांस लेने में कठिनाई होती है। गर्दन में सूजन हो सकती है। गले में दर्द भी होता है।
इसका संक्रमण फैलने के बाद बुखार रहने लगता है। सिके अलावा शरीर भी बेचैन रहता है।
डिप्थीरिया संक्रमण में खांसी आती है। साथ ही खांसते समय अलग आवाज आती है।

डिप्थीरिया से बचाव –
डिप्थीरिया को एंटीबायोटिक टीके और टीकों द्वारा बचाया जा सकता है।
टीके का असर दस साल तक रहता है। लिहाजा दस साल बाद दोबारा टीकाकरण कराना चाहिए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button