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सज्जादानशीन आरिफ अली शाह पर नियमों के उलट निकाह करने का लगाया आरोप

वक्फ बोर्ड द्वारा गठित समिति ने मौजूदा मुतवल्ली पर लगाए तमाम संगीन आरोप, कब्जा नहीं मिलने का मलाल

कोंच (पीडी रिछारिया) करीब छह शताब्दी वर्ष पुरानी बताई जा रही सुप्रसिद्ध सूफी दरगाह आस्ताना-ए-कलंदरिया पर कब्जे को लेकर मौजूदा मुतवल्ली मियां आरिफ अली शाह और वक्फ बोर्ड द्वारा नियुक्त कमेटी के बीच मची खींचतान के बीच वक्फ बोर्ड द्वारा नियुक्त कमेटी के सचिव शाहबाज अख्तर ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता बुलाकर मौजूदा मुतवल्ली पर तमाम गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, मौजूदा मुतवल्ली मियां आरिफ अली शाह ने नियमों के खिलाफ जाकर निकाह किया है और पत्नी से एक बच्चा भी पैदा हुआ। फिलहाल, वक्फ बोर्ड द्वारा नियुक्त कमेटी को दरगाह के प्रबंधन पर कब्जा नहीं मिल पाने का मलाल है लेकिन उसे उम्मीद है कि जल्द ही प्रशासन की मदद से वह दरगाह का प्रबंधन देखने में कामयाब होंगे क्योंकि कानून उनके साथ है।
वक्फ बोर्ड द्वारा नियुक्त कमेटी के सचिव शाहबाज अख्तर ने पत्रकारों को बताया कि हजरत भंवर अली शाह रहमतुल्लाह अलैह की 24/11/1924 की वसीयत है जिसके मुताबिक ही सज्जादानशीन को चलना होता है। हजरत मंजूर अली शाह तक वसीयत के मुताबिक काम करते रहे लेकिन हाजी मियां आरिफ अली शाह ने वसीयत का उल्लंघन कर 2003 में रामपुरा गांव में निकाह किया और इसके बाद एक बच्चा पैदा हुआ। उन्होंने बताया कि वक्फ की संपत्ति का हिसाब किताब ठीक नहीं होने के कारण उप्र सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा नवंबर 2022 में पांच सदस्यीय कमेटी नियुक्त की गई है जिसके अध्यक्ष सैयद जाहिर अली, सचिव शाहबाज अख्तर, कोषाध्यक्ष तलत खान तथा दो सदस्य मजहर खान व यासीन कुरैशी हैं, इनमें यासीन के रिजाइन करने के बाद चार सदस्यीय कमेटी काम कर रही है। कमेटी के सचिव ने बताया, 2006 से 2014 तक वक्फ संपत्ति का कोई लेखा जोखा नहीं दिया गया। इसके अलावा और भी तमाम अनियमिताएं बरतीं गई हैं जिन पर संज्ञान लेकर वक्फ बोर्ड ने यह नई कमेटी बनाई है। बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रो. सैयद शफीक अहमद अशरफी ने 5 दिसंबर 2022 को जिलाधिकारी जालौन को पत्र भी लिखा जिसमें पूर्व मुतवल्ली मियां आरिफ अली शाह से चार्ज लेकर दरगाह के प्रबंधन का चार्ज वक्फ बोर्ड द्वारा नियुक्त मौजूदा कमेटी को हस्तगत कराने के लिए कहा गया है। बहरहाल, मामला काफी दिलचस्प और संगीन भी है। बता दें कि इस दरगाह से जुड़ी करोड़ों की संपत्ति है जिसके लेखा जोखा को लेकर तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। बोर्ड द्वारा नियुक्त कमेटी ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही प्रशासन की मदद से दरगाह का प्रबंधन देखने को मिलेगा।

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