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राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने जिला पंचायत अध्यक्ष घनश्याम अनुरागी का किया माल्यार्पण

उरई/जालौनजनपद जालौन में करोड़ों रुपए के पुस्तक घोटाले के लिए विवादित रहे महाभ्रष्ट जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रेमचंद यादव के काले कारनामों की परतें खोलने वाले बुंदेलखंड के कद्दावर, जनप्रिय, न्यायप्रिय जनप्रतिनिधि पूर्व सांसद और माननीय अध्यक्ष जिला पंचायत जालौन डॉ घनश्याम अनुरागी ने गरीब और साधन विपन्न बच्चों के हित के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की शिकायतों को संज्ञान में लेकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को जनपद से पदमुक्त करा दिया है।

गौरतलब है कि पिछले दो शैक्षिक सत्रों में जनपद जालौन में परिषदीय विद्यालयों के बच्चों की पाठ्य पुस्तक को भ्रष्टाचार की दीमक की तरह चट कर जाने वाले प्रेमचंद यादव पूर्व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा पाठय पुस्तक घोटाला छिपाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग कर जनपद के अनेक शिक्षकों को डरा धमका कर 100% पुस्तक प्राप्ति का प्रमाण पत्र ले लिया था, लेकिन वास्तविक रूप से छात्रों तक किताबें नहीं पहुंचने के कारण कर्मठ, कर्तव्य निष्ठ शिक्षक अत्यन्त परेशान थे। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के पदाधिकारियों ने इस समस्या को जिला प्रशासन जालौन के समक्ष उठाया। जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर न्याय प्रिय, जनप्रिय प्रतिनिधि डॉ घनश्याम अनुरागी की भृकुटी तनते ही जिला प्रशासन और बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में तत्कालीन जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने दो सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी। जांच के समय अध्यापकों को उत्पीड़ित करने, डराने-धमकाने की शिकायतें भी घनश्याम अनुरागी के सामने आते ही जिला पंचायत अध्यक्ष के अनुरोध पर मंडलायुक्त अजय शंकर पांडे ने उच्च स्तरीय समिति गठित कर बीएसए प्रेमचंद यादव के भृष्टाचार की गहन जांच के आदेश दिए। पुस्तक घोटाले की जांच शुरू होते ही पूर्व बीएसए प्रेमचन्द यादव और उनके दलालों और चमचों में हड़कंप मच गया। मंडल स्तरीय जांच समिति गठित होते ही यह तय हो गया था कि अब जनपद जालौन में हुआ करोड़ों का पाठय पुस्तक घोटाला, चारा घोटाले की तरह ही बाहर आएगा। एक-एक करके सभी घोटालेबाजों, दलालों और चाटुकारों की पोल खुलने लगी। शासन के समक्ष प्रकरण पहुंचते ही शासन ने स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कराने के लिए बुंदेलखंड के कद्दावर नेता डॉ घनश्याम अनुरागी के अनुरोध पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जालौन प्रेमचन्द यादव और भ्रष्टाचार के सहयोगी एडी बेसिक श्याम नारायण सिंह को उनके पद से हटाते हुए डाइट में भेज लूप लाइन में डाल दिया। भ्रष्टाचारियों को पद से हटाने के साथ-साथ शासन ने प्रेमचंद यादव को निलंबित करने के लिए जिलाधिकारी जालौन से रिपोर्ट मांगी है और ऐसी सूचना भी प्राप्त हुई है कि यह सारा प्रकरण महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद के संज्ञान में भी लाया गया है। परियोजना मुख्यालय से ऐसे संकेत मिले हैं शिकायतों की जांच के उपरांत चारा घोटाले की तरह ही पाठ्य पुस्तक घोटाले के मामले में शीघ्र एफ आई आर दर्ज कराकर दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ कठोर, कानूनी, दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस पूरे घटनाक्रम में कद्दावर न्यायप्रिय, विद्वान जन प्रतिनिधि ने शिक्षकों को शोषण से मुक्ति दिलाने का कार्य किया है। जनपद जालौन ही नहीं बल्कि पूरे झांसी मंडल में खुशी की लहर दौड़ रही है कि डीजल के लिए चपरासियों से पैसे वसूलने में भी संकोच न करने वाले एडी बेसिक एस एन सिंह के शोषण से मुक्ति मिली। शुक्रवार को जनपद के सभी शिक्षकों की ओर से राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ जालौन की जिला कार्यसमिति और ब्लॉक इकाइयों के पदाधिकारियों ने जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ घनश्याम अनुरागी को फूल मालाओं से लाद दिया। छात्र, शिक्षक व शिक्षा हित में लिए गए निर्णय से पूरा शिक्षक समाज उनका आभारी है। डॉ घनश्याम अनुरागी ने कहा कि शिक्षकों की किसी भी समस्या के लिए वह हमेशा उपल्ब्ध हैं।

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