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आखिर प्रेशर हॉर्न वाली गाड़ियों पर क्यों नहीं होती कार्यवाही

बड़े बड़े अधिकारियों की गाड़ियों की शान है प्रेशर हार्न
पार्टी सिम्बल के साथ रंगी दिखायी देती हैं नंबर प्लेटें
उरई/जालौन। यूपी में जहां यातायात के नियमों को लेकर सरकार नए नियमों को जनता पर थोपी जा रही है वही कुछ ऐसे भी नियम बने थे जिनका शायद ही पालन किया जा रहा हो। जैसे छोटी बड़ी गाड़ियों पर उत्तर प्रदेश शासन लिखना, किसी भी गाड़ी पर प्रेशर हॉर्न लगाना, नंबर प्लेटों पर पार्टी सिम्बल या रंग करवाना आदि का उपयोग करना यातायात के नियमों के खिलाफ है साथ ही ऐसा करते हुए पकड़े जाने पर चालान भी किया जाता है जोकि शायद यातायात पुलिस करना भूल गयी। और बेरोकटोंक इसका प्रयोग किया जा रहा है जबकि प्रेशर हॉर्न कमजोर दिल वालों के लिए बहुत घातक हो सकता है और साथ ही बेहरेपन की बीमारी हो रहती है। लेकिन इन सब के बावजूद सिर्फ दोपहिया वाहन पर 3 के बैठे पाये जाने पर या फिर हेलमेट न लगाने पर और अब तो मास्क न लगाने पर भी चालान कर दिया जाता है लेकिन उपरोक्त कारणों से यातायात नियमों का उल्लंघन कर रहे अधिकारी व वीआईपी पर कोई भी चालान नहीं किया जाता है। ऐसा क्यों क्या ऊँचे ओहदे पर होना या बड़ी पहुँच होना चालान को काटने से रोकती है अगर ऐसा नहीं है तो इन पर कार्यवाही क्यों नहीं होती। साथ अब गाड़ियों के पीछे लगे शीशे पर एडवरटाइजिंग फ़िल्म को लगवाये देखे जा सकते हैं। लेकिन ऐसे लोगों पर पुलिस कोई भी कार्यवाही नहीं करती।

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