कालपी में एक दिवसीय किसान प्रशिक्षण शिविर कार्यक्रम का किया गया आयोजन

कालपी (ज्ञानेंद्र मिश्रा) भारत सरकार ने किसानों की दोगुनी आय करने हेतु कई योजनायें चलाई है। जिसे अपनाकर किसान अपनी उपज का सही मूल्य प्राप्त कर सकते है। साथ ही किसान भण्डार ग्रह मे अपनी उपज को सुरक्षित रख कर उचित समय पर उसे निकाल कर अच्छा लाभ कमा सकते है। उक्त बात नवीन गल्ला मंडी स्थित राज्य भण्डारण गृह में आयोजित एक दिवसीय किसान प्रशिक्षण शिविर में कार्यक्रम के संयोजक एम.के.मिश्रा ने कही।
इन्दिरा गांधी सहकारी प्रबंध संस्थान के संकाय सदस्य एम के. मिश्रा द्वारा शुक्रवार को भण्डार गृह कालपी में भंडारागार विकास एवं विनियम प्राधिकरण के वित्तीय सहयोग से कृषकों मिलर्स एवं व्यापारियों के एक दिवसीय प्रशिक्षण जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें उपस्थित किसानों व्यापारियों को किसानों को होने वाले लाभ के बारे में विस्तार से जानकारी दी साथ ही इन योजनाओं का लाभ कैसे मिले उसे भी बताया। वहीं भण्डार गृह अधीक्षक रविन्द्र सिंह ने सभी प्रशिक्षार्थियों को भंडार ग्रह दिखाया और अपनी उपज को उसमें भंण्डारण से किसानों को होने वाले लाभ को भी बताया। भण्डार अधीक्षक रविन्द्र सिंह ने बताया कि भारत सरकार ने पहली बार परकाम्य भंडारागार रसीद प्रणाली 15 अगस्त 2019 को प्रारम्भ की है इस अधिनियम के तहत पंजीकृत भंण्डागारों द्वारा जारी परकाम्य रसीदों के प्रति बैंकों से ऋण लेने में किसानों को सहायता मिलेगी और वो कृषि उत्पाद की व्यथित बिक्री करने के लिए विवश नहीं होंगे उससे बैंक वित्तीय संस्थायें बीमा कम्पनी जैसे अन्य हितधारियों एवं उपभोक्ताओं को भी लाभ मिलेगा। इसके अतिरिक्त रविन्द्र सिंह ने बताया कि उसके तहत फसल की कटाई के बाद उसके भण्डारण में होने वाले नुकसानों में कमी पंजीकृत बेयर हाउस में होने वाले संभावित नुकसान की भरपाई, फसल को मजदूरी में बेंचने से रोकना कृषि उपज का श्रेणीकरण, गांव में रुपए पैसे की उपलब्धता बढ़ाना, उचित कागजी कार्रवाई आदि लाभ प्राप्त कर अपनी आय को बढ़ाएं। कार्यक्रम में दहेलखण्ड के किसानों ने विशेष रुचि ली तथा आय बढाने की जानकारिया प्राप्त की। कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख रूप से भण्डार ग्रह के सहायक अधीक्षक शैलेन्द्र मिश्रा, श्याम बाबू पाल, सौरभ कुमार, जय विजय, विक्रम, आदि उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त कृषक व्यापारियों में कुं. हरगोविन्द सिंह, मुन्ना सिंह पडरी, वीरेन्द्र सिंह, विजय सिंह यादव, शिशुपाल यादव, योगेन्द्र, विष्णु विहारी, गुलाव सिंह उसरगांव, जाहर सिंह सहित अनेक व्यापारी एवं किसान उपस्थित रहे।