‘ए भाई जरा देख के चलो’, नगर में कहीं खुदे पड़े हैं गड्ढे तो कहीं टूटे पड़े हैं चैंबर

कोंच (पीडी रिछारिया) नगर में कुछ स्थानों पर गड्ढे या नाले आदि खुले हुए पड़े हैं, तो कहीं चैंबर के ऊपर के लोहे के ढक्कन टूट कर गहरे मौत चैंबर में तब्दील हो गए हैं जिससे बारिश के मौसम में लोगों को आवागमन में कदम कदम संभलकर चलना पड़ रहा है। सड़क पर नीचे से जरा भी नजरें ऊपर की नहीं कि हादसे का शिकार हो जाने में देर नहीं लगेगी। इन विकट समस्याओं को लेकर पालिका प्रशासन का मौन आश्चर्यजनक है।
शराब के ठेका नंबर एक के ठीक सामने स्थित सीवर चैंबर के ऊपर लगी लोहे की मजबूत जाली पिछले लंबे समय से टूटी हुई पड़ी है। आम लोगों के अलावा शराब के नशे में धुत्त लोगों के उस खुले चैंबर में गिरने की आशंका हमेशा बनी रहती है। इसके अलावा नगर के और भी कई स्थानों पर नालियों के ऊपर लगी जाली, चैंबर के ढक्कन टूटे हुए पड़े होने से वह बड़े गड्ढों में तब्दील हो गए हैं। इसके अलावा सर्राफा बाजार के मुहाने पर घंटाघर के ठीक नीचे बनी पुलिया आधी टूटी पड़ी है और हादसों को निमंत्रण दे रही है। इधर, कई और नाले भी निर्माणाधीन पड़े हैं जिनमें महीनों से काम बंद पड़ा है। नागरिकों की चिंता यह है कि बारिश के मौसम में ये नाले मौत की अंधी गार बनने के अंदेशे से इंकार नहीं किया जा सकता है। पिछले महीनों में बाबू पैलेस के पास वाले नाले में एक मासूम की गिर कर मौत भी हो चुकी है। अभी दो दिन पहले मोहल्ला गांधीनगर में खुदे पड़े एक नाले में एक व्यक्ति बाइक समेत गिरकर घायल हो गया था। हालांकि पालिका के नए ईओ पवन किशोर मौर्य ने घटना के तत्काल बाद अधीनस्थों के साथ उस नाले का निरीक्षण किया और जेई व ठेकेदार को जल्द उसके निर्माण के निर्देश दे दिए हैं।