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जिम्मेदार कौन ! गौशाला होने के बाद भी अन्ना मवेशियों ने चरी 36 बीघा गेहूं की फसल

कालपी/जालौनमहेवा ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम मंगरौल के किसानों को आखिर कब अन्ना मवेशियों से राहत मिलेगी जबकि गांव में गौशाला भी संचालित है। जबकि सोमवार की रात को अन्ना मवेशियों ने आधा दर्जन किसानों की लगभग 36 बीघा गेंहू की फसल को सफाचट कर उसे पैरों तले रौंद दिया। रखवाली के बाद भी वह अन्ना मवेशियों का झुंड खेतो में घुसकर फसल को नष्ट कर देता है।

किसानों ने बताया कि कई बार सम्बंधित अधिकारियों को अवगत कराया है। लेकिन गाँव बड़ा होने से वह भी इस ओर कोई ध्यान नही देते है। न तो कोई फसल का सर्वे करने आता है। सरकार ने करोड़ो रूपये खर्च कर गाँव गाँव गौशाला बन बाई है। लेकिन कुछ ऐसे भी गाँव है जो इस सुविधा से वंछित है। गाँव मे अन्ना मवेशियों का कहर किसानों को झेलना पड़ रहा है जबकि इस समय गेहूं में बाल निकलने वाली है ऐसे में यदि जो फसल चर गई उसमे अव कभी बाल नही निकलने के आसार नहीं हैं। हम बात करते है महेवा ब्लॉक क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़े गाँव की जहाँ अन्ना मवेशियों की समस्या से यहाँ का किसान तीन साल से जूझ रहा है। लेकिन प्रशासन के कानों में जूं तक नही रेंग रही है।

मंगलवार की रात को मंगरौल निवासी किसान मनोज बाजपेयी की 10 बीघा गेहूं, अश्वनी सिंह की 4 बीघा, साहब सिंह की 4 बीघा, काजू की 4 बीघा व अनूप पाठक की 5 बीघा संजय पाण्डेय की 3 बीघा राममोहन की 6 बीघा गेहूं की फसल अन्ना मवेशियों ने चर ली। किसानों ने बताया की रात रात भर जागकर हम लोग खेतो की रखवाली करते है। कि हमारी मेहनत फसल के रूप में रंग लाएगी। लेकिन अन्ना मवेशियों का झुंड खेतो में घुसकर फसल चौपट कर पूरी मेहनत पर पानी फेर देता है। साथ ही महेवा ब्लॉक क्षेत्र के ग्रामीणों ने साफ़ शब्दों में कहा कि यदि अन्ना जानवरों की जल्द व्यवस्था नही हुई तो जिला अधिकारी कार्यालय में धरना प्रदर्शन करेंगे।

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