ब्लैक फंगस (म्यूकोर माइकोसिस) से बचने हेतु अपनी ब्लड शुगर को नियंत्रित रखें – डॉ. विवेक राजपूत

पहाड़गांव। राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय नरी से करोना से बचाव हेतु आयुष किटों का वितरण लगातार जारी है। प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. विवेक राजपूत ने बताया कि कोविड-19 के इलाज में अंधाधुंध इस्तेमाल हुई स्टेराॅयड की अधिक मात्रा से बढा ब्लड शुगर लेवल, मधुमेह रोगी और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता बाले लोगों को ही ब्लैक फंगस अपना शिकार बना रहा है ।
हमारे आयुर्वेद ग्रंथों में ऊर्ध्व जत्रुगत रोग (नाक, कान, गला, नेत्रों के रोग) के बचाव हेतु नाक में दो-दो बूंद अणु तेल डालने के लिए कहा गया ताकि किसी भी संक्रमण को प्रवेश द्वार पर ही रोक दिया जाए। मुख रोगों के लिए गंडुष और कवल जोकि की इरिमेदादी तेल या नारियल तेल या शुद्ध सरसों के तेल को 15 से 20 एमएल मुंह में भर कर थोड़ी देर रोक कर मुंह में चला कर थूक दिया जाता है ताकि कोई भी संक्रमण मुख से अंदर की ओर न जा सके। इसी प्रकार आंखों के लिए त्रिफला घृतकी एक-एक बूंद या शुद्ध गौघृत की एक एक बूंद को आंखों में डालकर जत्रु प्रदेश के ऊपरी भाग में होने वाले रोगों से बचाव कर सकते हैं। अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए रोजाना आयुष काढा एवं संशमनी वटी का प्रयोग करें। साथ ही नियमित योगाभ्यास प्राणायाम करें, मौसमी फल सब्जियां एवं अच्छी प्रोटीन डाइट लें। मधुमेह रोगी खासतौर पर नपातुला भोजन लें ताकि उनकी शुगर नियंत्रित रहें इस प्रकार से हम ब्लैक फंगस से बचाव कर सकते हैं।