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ग्राम मिनौरा में पीने के पानी से खेतों में सिंचाई करना पड़ा महंगा, पांच के विरुद्ध हुई एफआईआर

उरई। समर्सेबिल लगाकर पीने के पानी से खेतों की सिंचाई करना मिनौरा गांव के पांच किसानों को भारी पड़ गया। जिलाधिकारी के निर्देश पर जल निगम के अधिशासी अभियंता ने गांव के पांच किसानों के खिलाफ थाने में तहरीर देकर रिपोर्ट दर्ज कराई है। जिले में हुई इस कार्रवाई से पेयजल से सिंचाई करने वाले किसानों में हड़कंप मचा है।

डीएम प्रियंका निरंजन ने छह जुलाई को एडीएम नमामि गंगे प्रतिपाल सिंह के साथ ब्लॉक डकोर के मिनौरा व मड़ोरा गांव का निरीक्षण किया था। उन्होंने नमामि गंगे योजना के तहत निर्माणाधीन ओवर हैड टैंक का स्थलीय निरीक्षण किया था। इस दौरान ग्रामीणों ने शिकायत की थी कि मिनौरा गांव के दो दर्जन किसान समर्सेबिल से खेतों की सिंचाई कर रहे हैं।

जिलाधिकारी ने इसे संज्ञान में लेते हुए एडीएम नमामि गंगे से पेयजल से खेतों की सिंचाई करने वाले किसानों की सूची बनाकर रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए थे। निर्देश के बाद एडीएम प्रतिपाल सिंह ने चिन्ह्ति किसानों का समझाने के लिए सोमवार को जल निगम के जेई को गांव भेजा। जेई के समझाने पर कई किसानों ने समर्सेबिल पंप निकाल लिया। लेकिन पांच किसानों ने समर्सेबिल निकालने से इनकार कर दिया और जेई से अभद्रता भी की इस पर जल निगम के जेई हिमांशु सिंह ने कोतवाली में तहरीर देकर रामदास कुशवाहा, नावली कोरी, लाखन, कृष्णनंद व सुनील के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। उधर, एडीएम नमामि गंगे प्रतिपाल सिंह ने बताया कि पांच किसानों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

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