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फाइलेरिया की दवाएं पूरी तरह सुरक्षित, अवश्य खाएं, स्वयं और परिजनों को फाइलेरिया के संक्रमण से बचाएं

सोमवार से चलेगा घर घर फाइलेरिया की दवा खिलाने का अभियान
उरई (जालौन) फाइलेरिया नियंत्रण अभियान के अंतर्गत दवा सेवा अभियान का आयोजन 22 नवंबर से सात दिसंबर तक होगा। इसकी तैयारियां कर ली गई है। कार्यक्रम के तहत सोमवार, मंगलवार, गुरुवार और शुक्रवार को दवा खिलाने का अभियान चलाया जाएगा। जबकि सप्ताह के शेष दिनों में नियमित टीकाकरण सत्र (आरआई) के माध्यम से माप अप राउंड होगा, जिसमें छूटे हुए लोगों को दवा खिलाई जाएगी। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एनडी शर्मा ने दी। वह सीएमओ कार्यालय में मीडिया वर्कशाप को संबोधित कर रहे थे।

डॉ. शर्मा ने बताया कि फाइलेरिया रोग शरीर को कुरुप बनाने वाली बीमारी है। यह दीर्घकालिक दिव्यांगता का विश्व का दूसरा बड़ा कारण है। सरकार का लक्ष्य इस बीमारी को 2025 तक मुक्त करने का है। इसके लिए जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक हो चुकी है और सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। विभागीय टीमों को निर्देशित किया जा चुका है।

कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. एसडी चौधरी ने बताया कि वार्ड में वार्ड सभासद और गांव में प्रधान इस कार्यक्रम के नोडल होंगे। जबकि स्कूलों में भी प्रार्थना सभा के दौरान इसका प्रचार प्रसार किया जाएगा और दवा खिलाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जनपद में 1890976 लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य है। इसके लिए 1431 टीमें लगाई है। जबकि 243 पर्यवेक्षक बनाए गए हैं। कुल 316659 घरों में दवा खिलाने का काम किया जाएगा। इसके लिए 3989000 डीईसी और 1592000 एल्बेंडाजोल की दवाएं खिलाई जाएगी।

उन्होंने बताया कि खंड विकास अधिकारी अपने अपने ब्लाक के नोडल होंगे जो अभियान पर नजर रखेंगे। साथ ही चिकित्साधिकारी भी नियमित अपडेट करेंगे। उन्होंने कहा कि सभी लोग दवा का सेवन जरूर करें। दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है। यदि किसी को दवा खाने के बाद थोड़ी सी खराश, खुजली, सिरदर्द, उल्टी या चक्कर महसूस होता है, तो घबराए नहीं, यह बताता है कि शरीर में फाइलेरिया के कृमि मौजूद है और दवा का उन पर असर होने का यह लक्षण है। उन्होंने बताया कि इसके लिए जनपद स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीम का भी गठन कर दिया गया है। जो मौके पर मौजूद रहेगी।

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ० जीएस स्वर्णकार ने बताया कि फाइलेरिया मरीजों की लाइन लिस्टिंग का काम पूरा हो गया है। परिवार पंजिका, प्रसार सामग्री आशाओं की टीम को उपलब्ध करा दी गई है। एक टीम में दो सदस्य रहेंगे। उन्होंने बताया कि 22 नवंबर से सात दिसंबर तक कुल दस दिनों का यह दवा खिलाने का अभियान है।

यह रोग फाइलेरिया या हाथीपांव रोग, सार्वजनिक स्वास्थ्य की गंभीर समस्या है। यह रोग मच्छर के काटने से फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार फाइलेरिया, दुनिया भर में दीर्घकालिक विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। आमतौर पर बचपन में होने वाला यह संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है और अगर इससे बचाव न किया जाए तो इससे शारीरिक अंगों में असामान्य सूजन होती है।

फाइलेरिया के कारण चिरकालिक रोग जैसे; हाइड्रोसील (अंडकोष की थैली में सूजन), लिम्फेडेमा (अंगों की सूजन) व काइलुरिया (दूधिया सफेद पेशाब) से ग्रसित लोगों को अक्सर सामाजिक बोझ सहना पड़ता है, जिससे उनकी आजीविका व काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में एल्बेंडाजोल भी खिलाई जाती है जो बच्चों में होने वाली कृमि रोग का उपचार करता है जो सीधे तौर पर बच्चों के शारीरिक और बौद्धिक विकास में सहायक होता है।

ये दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं रक्तचाप, शुगर, अर्थरायीटिस या अन्य सामान्य रोगों से ग्रसित व्यक्तियों को भी ये दवाएं खानी हैं। सामान्य लोगों को इन दवाओं के खाने से किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव नहीं होते हैं और अगर किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं तो यह इस बात का प्रतीक हैं कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के कीटाणु मौजूद हैं, जोकि दवा खाने के बाद कीटाणुओं के मरने के कारण उत्पन्न होते हैं। उन्होंने कहा कि साल में केवल एक बार फ़ाइलेरिया रोधी दवाएं खाने से फ़ाइलेरिया के संक्रमण से बचा जा सकता है। गर्भवती, दो साल से कम आयु के बच्चों, गंभीर रुप से बीमार लोगों को यह दवा नहीं खिलानी है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के 19 जनपदों- अम्बेडकर नगर, अमेठी, अयोध्या, आज़मगढ़, बलिया, बाँदा, बरेली, चित्रकूट, हमीरपुर, जालौन, जौनपुर, महोबा, मऊ, पीलीभीत, संत रविदास नगर (भदोही), शाहजहांपुर, लखनऊ सोनभद्र और बाराबंकी में, भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, कोविड-19 के मानकों को ध्यान में रखते हुए, मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एम.डी.ए.) कार्यक्रम आगामी 22 नवम्बर से शुरू करने का निर्णय लिया है।

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