उस शिक्षा का कोई मतलब नहीं जो इंसानियत नहीं सिखाती – सुरेन्द्र यादव

उरई/जालौन। शुक्रवार 19 मार्च को दयानंद वैदिक कॉलेज के एमएड. विभाग के विद्यार्थियों द्वारा लहरियापुरवा, उरई में चल रहे श्रीराम नेत्रहीन विद्यालय में पर्यवेक्षण किया। इस क्रम में वहां पढ़ रहे नेत्रहीन विद्यार्थियों के शैक्षिक विधाओं का अध्ययन देखा एवं समझा। लिखने पढ़ने की योग्यता को भी समझा।
अंध विद्यार्थियों के गणितीय योग्यता एवं उनके संगीत वादन तथा खेल दक्षता को देखकर एम एड विद्यार्थी अति प्रभावित हुए तथा कुछ भावुक भी हुए। श्रीराम नेत्रहीन विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्री तेजपाल सिंह तथा प्रबंधक श्री दीपक कुमार मेवाल ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि विद्यार्थियों के आने पर हम लोगों को हृदय से प्रसन्नता होती है। इस अवसर पर प्रबंधक श्री दीपक मेवाल ने ब्रेल लिपि में लिखे रामायण को संगीतमय भाषा में पढ़कर सुनाया तथा प्रधानाध्यापक श्री तेजपाल सिंह, छात्र सूरज यादव, रानू, रामहेत एवं सूरज अहिरवार ने भजन सुना कर सबका मन हर्षित किया।
इस अवसर पर एमएड विभाग प्रभारी सुरेंद्र यादव ने अपने संबोधन में कहा कि यदि हम किसी के दुख का कारण है तो हमारा जीवन व्यर्थ है और अगर किसी के सुख की वजह हैं तो ही हमारे जीवन का कुछ अर्थ है। उस शिक्षा का कोई मतलब नहीं जो इंसानियत नहीं सिखाती हो तथा आवाहन किया कि हमें समाज के ऐसे लोगों के लिए आगे आना चाहिए। प्राध्यापक उमेश सिंह ने कहा कि जो संघर्ष से होकर गुजरता है वही शिखर पर टिकता है। इस अवसर पर नेत्रहीन विद्यार्थियों के लिए स्वल्पाहार एवं विभिन्न खाद्यान्न भी उपलब्ध कराया गया। विजिट के इस अवसर पर रामजी समाधिया, विजय राम एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।