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जिन गांवों में हुआ जमकर विरोध उन्हीं गांवों में खूब खिला कमल

कोंच (पीडी रिछारिया) विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया मतगणना के बाद पूरी जरूर हो चुकी है लेकिन अब जीते व हारे हुए प्रत्याशियों को मिले मतों की समीक्षा राजनैतिक पंडित समीक्षा करने में लग गए हैं। इस समीक्षा में हैरान कर देने वाले तथ्य सामने आए हैं। जिन गांवों में मूलचंद्र निरंजन का मुखर विरोध रहा उनमें भी कमल खूब खिला है।
माधौगढ़-कोंच विधानसभा से प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव में एक बार फिर बड़े मतांतर से जीते भाजपा उम्मीदवार मूलचंद्र निरंजन ने बड़ी जीत हासिल कर राजनैतिक पंडितों को हैरान सा कर दिया है क्योंकि राजनीति का ककहरा सीख रहे लोग विभिन्न करणों से मूलचंद्र की जीत पर आशंकित थे लेकिन उनकी जीत ने न केवल सारे मिथक ध्वस्त कर दिए बल्कि उन गांवों में भी मूलचंद्र को प्रचंड वोट मिला जहां उनके विरोध के स्वर गूंज रहे थे। मूलचंद्र के खिलाफ नारेबाजी के तमाम वीडियो भी सोशल साइट्स पर वायरल हुए लेकिन वे वीडियो धरातल पर कमजोर साबित हुए। मतगणना के बाद बूथवार जो नतीजे ईवीएम से निकलकर बाहर आए उन नतीजों ने राजनीति के जानकारों को भी हैरान कर दिया। जिन जिन गांवों में मूलचंद्र के कथित विरोधियों की तगड़ी व्यूह रचना के चलते मूलचंद्र को बहुत कम मत मिलने का अनुमान लगाया जा रहा था लगभग उन सभी गांवों में मतदाताओं ने मूलचंद्र पर अपना भरोसा जताते हुए खूब कमल खिलाया। वहीं पार्टी स्तर पर भी देखा जाए तो भाजपा के अंदर रहकर तमाम बड़े चेहरों ने मूलचंद्र के चुनाव से किनारा सा कर लिया था और प्रचार में भी वो कहीं नजर नहीं आए। ऐसे तमाम चेहरे अंदरखाने अपनी ही पार्टी भाजपा के प्रत्याशी मूलचंद्र का मतदाताओं के बीच विरोध करते हुए देखे सुने गए। राजनीति के जानकारों का मानना है कि मोदी योगी के चेहरे व मूलचंद्र के सौम्य व्यवहार के चलते ही मूलचंद्र को एक बड़ी जीत प्राप्त हुई है और विरोध के सुर वाले गांवों में भी कमल खिल सका।

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