कोंच/जालौन।सरकारी योजनाओं में पलीता कैसे लगाया जाता है इसका ताजातरीन उदाहरण है विकास खंड नदीगांव के ग्राम देवगांव में बना सामुदायिक शौचालय जो चारों तरफ से पानी से घिर कर टापू की शक्ल अख्तियार कर चुका है, इसके अलावा वहां झाड़ियों का बड़ा जंगल भी उगा है। बड़ा सवाल यह है कि फारिग होने के लिए वहां तक ग्रामीण तैरकर जाएं या किश्ती से। कोंच तहसील के विकास खंड नदीगांव क्षेत्र के ग्राम देवगांव में सड़क किनारे ग्रामीणों एवं अन्य जरूरतमंद राहगीरों की सुविधा की दृष्टि से कुछ माह पूर्व सरकारी धन से निर्मित कराया गया। सामुदायिक शौचालय पूरी तरह अपनी उपयोगिता खोता हुआ नजर आ रहा है और जिम्मेदार लोग आंखें मूंदे हुए हैं। दूषित पानी की समुचित निकासी की व्यवस्था न होने के कारण वहां जल भराव की स्थिति बनी है, आलम यह है कि उक्त सामुदायिक शौचालय के चारों ओर लबालब पानी भरा हुआ है और झाड़ झंखाड़ों ने शौचालय जाने का रास्ता ही अवरुद्ध कर दिया है जिसके चलते शौचालय में हर समय कुंडी लगी रहती है। सामुदायिक शौचालय की साफ सफाई के लिये नियुक्त कर्मी भी चारों ओर भरे पानी की निकासी व झाडिय़ां साफ करने से कतरा रहे हैं। इस बाबत एडीओ पंचायत नरेश दुबे का कहना है कि आने जाने का रास्ता सही नहीं है, जल्दी ही वहां पुलिया का निर्माण करा कर ग्रामीणों के उपयोग करने की स्थिति निकर्मत की जाएगी।
देखने दिखाने की चीज बनी है शौचालय – अपने मवेशी चराने आई गांव की महिला गुड्डी देवी कहती है कि इस शौचालय के बननेे न बनने का कोई मतलब ही नहीं है क्योंकि इसका उपयोग तो हो नहीं पा रहा है। यह शौचालय केवल देखने दिखाने की चीज बन कर रह गई है। अगर कभी इसके उपयोग की जरूरत आन भी पड़े तो घर तक ही जाना पड़ेगा।
सरकारी पैसे की बर्बादी हुई है – देवगांव की रहने बाली एक और महिला मूर्ति देवी भी वहीं मिल गईं और उन्होंने इसके निर्माण को लेकर कहा कि सिवाए सरकारी पैसे की बर्बादी के गांव बालों को और कुछ भी नहीं मिला है क्योंकि इस शौचालय तक पहुंच पाना पहाड़ पर चढने से भी ज्यादा कठिन है। सरकारी मशीनरी भी सो रही है।