स्वतंत्रता दिवस पर जिले के 100 गांवों में दलित व वंचित समुदाय की महिलाएं करेंगी ध्वजारोहण

– बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच ने बनाई रूपरेखा, वालंटियर्स को दी जिम्मेदारी
उरई (जालौन)। स्वतंत्रता दिवस गुलामी से मुक्ति का प्रतीक है गुलामी ब्रिटिश शासन की और जाति आधारित सामाजिक व्यवस्था की।भारत में महिलाएं, विशेष रूप से दलित आदिवासी ओबीसी महिलाएं जाति, लिंग और गरीबी के आधार पर तीन बार अधीनता झेलती हैं। यहां तक कि जब महिलाएं स्थानीय निकाय चुनावों में चुनी जाती हैं, तो उनके कार्यालय उनके पति द्वारा शासित होते हैं। महिलाओं के खिलाफ हिंसा हमेशा बढ़ती जा रही है। महिलाओं को पुरुषों की तुलना में खुद को विकसित करने के लिए कम अवसर मिलते हैं महिलाओं के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के दिन जिले के 100 गाँवों में दलित व वंचित समुदाय की महिलाएं झंडा फहराएंगी।
देश की स्वतंत्रता के 74 वर्ष पूर्ण होने व 75वीं वर्षगांठ की शुरुआत पर बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच व साथी संगठनों की टीम ने विशेष तैयारी की है, जिले के 100 गावँ में 14 अगस्त की रात्रि 12 बजे वालंटियर्स भारत के संविधान की प्रस्तावना के समक्ष एक दीप जलाएंगे व प्रस्तावना का पाठ पढ़ेंगे वही सुबह 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर महिलाओं के दुवारा झंडारोहण व राष्ट्रगान एवं संविधान की प्रस्तावना पढ़कर स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा, साथ ही 75 वीं वर्षगांठ के शुरुआत से ही पूरे साल प्रत्येक सप्ताह गाँव गाँव में बच्चों के कार्य्रकम होंगे व भारत के संविधान की प्रस्तावना पढ़ी जाएगी व गावँ समता, स्वतंत्रता, बंधुता एवं न्याय की अवधारणा को बच्चों व लोगों को समझाया जायेगा।
जालौन जिले के महेवा, कदौरा, कुठोंद, व जालौन के 100 गावँ के प्रमुख लीडरों को जिम्मेदारी दी गयी। जिसमे रामकुमार, रीता देवी, रिहाना मंसूरी, कृष्णकुमार प्रजापति, धर्मपाल राजपूत, बिमल बौद्ध, राजेस्वरी गौतम, संजय वाल्मीकि, राजेश गौतम, राम सिंह व अजीत सिंह ने विशेष जिम्मेदारी ली है जो कि 10 – 10 गांवों को कॉर्डिनेट करेंगे।
बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच के संयोजक ने बताया कि आज़ादी के 74 साल बीतने के बाद देश मे समाज मे जो असमानताएं है उनको खत्म करना होगा, व देश के संविधान में प्रदत्त समता, स्वतंत्रता, बंधुता, व न्याय की अवधरणा को गावँ गावँ में पहुंचाना। आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ की शुरुआत व महिलाओं के स्वाभिमान तथा सम्मान को लेकर इस वर्ष संगठन ने कार्यक्षेत्र के सभी गावँ में महिलाओं दुवारा झंडारोहण करने का प्लान किया गया है।जिसके तहत जिले के 100 गावँ में किया जाएगा। व महिलाओं व बच्चों के साथ आज़ादी के 75वीं वर्षगांठ का पूरे साल जश्न होगा तथा संविधान की प्रस्तावना को गावँ गावँ पहुचाने का काम किया जाएगा।