कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में एक दिवसीय पोषण वाटिका प्रशिक्षण का हुआ आयोजन

कोंच। नगर के हाटा स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के प्रांगण में दिन शुक्रवार को ऑफ कैंपस प्रसार कार्यकत्रियों हेतु एक दिवसीय पोषण वाटिका प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें कोंच एवं नदीगांव ब्लॉक की आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों ने प्रतिभाग किया।
आंगनवाडी कार्यकत्रियों को अपने केंद्रों व स्कूल एवं घरों पर पोषण वाटिका लगाने के लिए प्रेरित करते हुए पोषण वाटिका के महत्व एवं संतुलित आहार के बारे डा. राजकुमारी ग्रह वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र जालौन ने बताते हुए कहा कि परिवार को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए हमे पोषण वाटिका लगाना चाहिए। जिससे हम अपने परिवार के पोषण स्तर में सुधार ला सकते है।
पोषण वाटिका के मध्यम से गरीबी स्तर के लोग इसके उपयोग में अपनी भूमिका निभा सकते है और खुद की लगाई गयीं सब्जियों व फल से अपने परिवार को कुपोषण से बचा सकते है प्रशिक्षण के दौरान डॉ राजकुमारी के द्वारा कयारी तैयार करने लिए उन्नति किस्म के बीजों की किट का बितरण करते हुए जिसमें सब्जी बीज जैसे भिंडी लौकी तोरई कद्दू पालक धनिया मिर्च टमाटर बैंगन आदि को लगाने एवं उनकी नर्सरी तैयार करने का तरीका बताया गया। स्थान के अभाव में महिलाएं घर पर ही खाली डिब्बा खराब बाल्टी का प्रयोग कर बीज को वो सकती हैं।
पोषण वाटिका लगाने के क्रम में वंदना वर्मा सीडीपीओ कोंच के द्वारा सभी आंगनवाड़ी कार्यकत्री को अपने आंगनवाड़ी केंद्र विद्यालय परिसर घरों एवं केंद्र के लाभार्थियों के घरों में भी लगाने के लिए प्रेरित किया गया गर्भवती महिला अपने घरों में पोषण वाटिका तैयार कर सकती है। सहजन पोषण प्राप्त करने का एक बहुत ही अच्छा स्रोत है। इस पौधे की जड़ से लेकर पौधे का प्रत्येक भाग जैसे जड़ तना फूल फल बीज पतती इत्यादि पोषण प्रदान करते हैं इस पौधे का प्रयोग अगर परिवार करता है तो परिवार के सभी व्यक्ति पोषित होंगे।
गर्भवती महिलाओं कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चों के खान पान के बारे में विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है हमारा प्रयास है कि कुपोषण इन लाभार्थियों से दूर रहे हमें सजग रहना होगा और इसका एक सरल प्रयास पोषण वाटिका लगाना है कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की प्रधानाचार्य वंदनावर्मा के द्वारा आंगनवाड़ी केंद्र में दर्ज स्कूल छोड़ चुकी किशोरियों को विद्यालय में पुनः प्रवेश दिलाने के लिए अपील की गई कि आंगनवाडी कार्यकत्री अपने गांव में उन सभी किशोरी के परिवारों को प्रेरित करें कि वह अपने बच्चियों को शिक्षा की धारा से जोड़ कर रखें उन्हें शिक्षा से वंचित ना करें पैसे के अभाव या कुछ समस्याओं के कारण उनकी पढ़ाई नहीं छुड़वाने चाहिए जिसका हल अपनी किशोरियों को कस्तूरबा आवासीय बालिका विद्यालय में पुनः प्रवेश दिलाकर किया जा सकता है।
इस प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न केंद्रों से आई हुई आंगनवाड़ी कार्यकत्री भगवती देवी सदुपुरा, अंजलि चचेंडा, सावित्री देवी, रेखा देवी सिकरी, सीमा सचान, रजनी भदेवरा, अनीता दिरावटी स्नेह लता जुझारपुरा क्षेत्रीय मुख्य सेविका श्रीदेवी, अध्यापिका बबीता रितु वर्मा, वंदना प्रजापति अनीता पाल उपस्थित रही।