शिक्षकों का सामाजिक योगदान अनुकरणीय बने – सुनील अंबेकर

उरई/जालौन। शिक्षकों का सामाजिक योगदान अनुकरणीय बने और शिक्षकों को प्रतिभावान विद्यार्थी ‘ब्रेन ड्रेन’ को रोककर देश हित में काम करने हेतु प्रोत्साहन मिले। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की अवधारणा, जो भारतीय संस्कृति पर आधारित है, उसकी जागृति में शिक्षकों की अहम भूमिका है।
उक्त विचार अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की राष्ट्रीय मीडिया प्रकोष्ठ की वर्चुअल कार्यशाला के दूसरे दिन शुक्रवार को देर सायं समारोप सत्र में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अ. भा. प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने मीडिया प्रकोष्ठ टीम सदस्यों को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि शिक्षा एवं शैक्षणिक परिसरों में अच्छा वातावरण बने, इस हेतु महासंघ सतत रूप से कार्य कर रहा है और महासंघ से समाज की अपेक्षा भी बढ़ी हैं। भारत का इतिहास, शिक्षा में हो रहे नए परिवर्तनों को सही तरीके से मीडिया के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाना आवश्यक है। शिक्षकों के लिए करनीय कार्य समाज हित के विषयों पर लेख लिखना और उन्हें सोशल मीडिया, डिजिटल मीडिया, ब्लॉग, राष्ट्रीय और प्रादेशिक मीडिया के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाना है। अध्यक्षीय उद्बोधन में महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. जे.पी. सिंघल ने कहा कि मीडिया के विविध आयामों को जानकर कार्यकर्ताओं में समझ विकसित करने की आवश्यकता है। शिक्षक समाज परिवर्तन का वाहक है। मीडिया उपकरणों का श्रेष्ठतम उपयोग कर संगठन हित में सभी को कार्य करना चाहिए। अच्छे कार्यों को मीडिया के माध्यम से समाज के सामने ले जाना। राष्ट्र के पुनर्निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। मीडिया के माध्यम से दृष्टि परिवर्तन कर समाज में चेतना लाने की आवश्यकता है। तृतीय सत्र में ‘सोशल मीडिया में तकनीक का उपयोग’ विषय पर राष्ट्रीय सोशल मीडिया सह-प्रमुख रोहित कौशल ने बताया कि सोशल मीडिया पर अच्छी क्वालिटी का कंटेंट बनाने हेतु अनुभव की आवश्यकता होती है। इस हेतु शिक्षकों को कंट्रीब्यूटर्स के सहयोग से सोशल मीडिया पर अपनी पकड़ व पहुंच बनानी चाहिए। सत्र के प्रारम्भ में संगठनात्मक चर्चा करते हुए राष्ट्रीय संगठन मंत्री महेंद्र कपूर ने बताया कि शिक्षा, संगठन व समाज हमारा केंद्र बिंदु है। शिक्षकों को शिक्षा, संगठन व समाज हित में मीडिया के माध्यम से कार्य करना चाहिए। हमारा धेय राष्ट्रहित सर्वोपरि है। मीडिया के माध्यम से संगठन को गतिमान, मतिमान व कीर्तिमान बनाने की आवश्यकता है। कार्यशाला का शुभारंभ सरस्वती वंदना से एवं समापन कल्याण मंत्र के साथ हुआ। संचालन मीडिया टोली सदस्य दर्शन भारती और राष्ट्रीय सह-मीडिया प्रमुख बसंत जिंदल ने एवं धन्यवाद ज्ञापन राष्ट्रीय मीडिया प्रकोष्ठ प्रमुख विजय कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय महामंत्री शिवानन्द सिन्दनकेरा, दर्शन भारती, उ० प्र० राज्य मीडिया प्रकोष्ठ प्रभारी राजदेव तिवारी, सदस्य मुकेश शर्मा, बृजेश श्रीवास्तव सहित 215 कार्यकर्ता उपस्थित रहे। उक्त जानकारी राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उ. प्र. प्राथमिक संवर्ग के प्रवक्ता वीरेंद्र मिश्रा ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी।