बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के ठेकेदार नियमों को ताक पर रखकर करवा रहे मिट्टी की खुदाई

जालौन। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे के ठेकेदार सरकारी नियमों को ताक पर रखकर मिट्टी की खुदाई करवा रहे हैं। मिट्टी माफिया जहां गिधौसा में सरकारी तालाब से जबरन मिट्टी उठा रहे हैं तो सालाबाद में किसान के खेत से इतनी मिट्टी उठा ली कि खेत कुंआ नजर आने लगा है जिसके चलते चकरोड का अस्तित्व खतरे में आ गया है। वहीं कहीं किसान से मिट्टी उठाने की अनुमति नहीं ली जा रही है तो कहीं अनुमति के बाद मुआवजा नहीं दिया जा रहा है जिसकी शिकायतें आए दिन किसान कर रहे हैं।
नगर व ग्रामीण क्षेत्र में मिट्टी का अवैध कारोबार लगातार चल ही रहा है। इसी काम में अब बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्य में मिट्टी डालने का काम करे ठेकेदार भी जुड़ गए हैं। यह ठेकेदार सरकारी नियमों को ताक पर रखकर मिट्टी की खुदाई कर रहे हैं। कोतवाली क्षेत्र के ग्राम प्रतापपुरा के पास स्थित बिरिया हार में जहां नगर के मिट्टी कारोबारी मिट्टी की खुदाई जेसीबी मशीन से करवा रहे हैं। वहीं बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के ठेकेदार गिधौसा गांव में स्थित सरकारी तालाब से जबरन जेसीबी मशीन लगाकर मिट्टी की खुदाई करवा रहे हैं जिसकी उठान डंफर से हो रही है। जब ग्रामीणों ने इसकी जानकारी सचिव सतीश वर्मा व लेखपाल को दी है। इसके बाद भी सरकारी तालाब से मिट्टी की खुदाई बदस्तूर जारी है। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे में मिट्टी ठेकेदार स्वयं सरकारी नियमों से ऊपर मानते हुए मनमानी करने में लगे हैं। सालाबाद में संतोष कुमार के खेत में मशीन लगाकर चालीस फीट गहराई तक मिट्टी उठा ली गई है जिससे खेत के स्थान पर कुंआ नजर आने लगा है। खेत के साथ ही ठेकेदार ने चकरोड को भी नहीं बख्शा है। चकरोड से भी मिट्टी उठाई गई है। एेसे में चकरोड का अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है। इसके अलावा आए दिन किसान ठेकेदार पर बिना अनुमति के खेत से मिट्टी उठाने अथवा अनुमति के बाद अधिक मात्रा में मिट्टी उठाने अथवा मुआवजा न मिलने की शिकायत एसडीएम से करते नजर आते हैं। इसके बावजूद अभी तक ठेकेदार की मनमानी बंद नहीं हुई है जिससे किसान व ग्रामीण परेशान हैं। ग्रामीणों संतोष कुमार, अशोक कुमार आदि ने डीएम से मांग की है कि मिट्टी उठाने की जांच कराई जाए और ठेकेदार की मनमानी पर अंकुश लगाया जाए।