भागवत श्रवण से अशांत मन सुस्थिर होता हैै – पं. नवनीत

कोंच। यहां बजरिया स्थित श्री संत बिहारी मंदिर परिसर में जारी श्रीमद्भागवत कथा के दौरान कथा व्यास पं. नवनीत मिश्रा शास्त्री ने परमात्मा के विभिन्न अवतारों की कथाएं सुना कर श्रोता समुदाय को भाव विभोर कर दिया। उन्होंने भागवत कथा को भगवान का शब्दात्मक श्रीविग्रह बताते हुए कहा कि इसके श्रवण से अशांत मन सुस्थिर होकर धर्म अर्थ काम और मोक्ष की समुचित प्राप्ति की ओर अग्रसर होता है।
कथा प्रवाह को आगे बढाते हुए उन्होंने कहा कि कथा श्रवण से प्राणीमात्र के सभी पापों का शमन हो जाता है और वह दत्तचित्त होकर भगवान में रम जाता है। उन्होंने परमात्मा के समय समय पर लिए गए विभिन्न अवतारों अस्तु मत्यावतार, वाराह अवतार, नरसिंह अवतार, वामन अवतार, परशुराम अवतार आदि की कथाएं सुना कर श्रोताओं को मुग्ध कर दिया। उन्होंने गजेन्द्र मोक्ष की कथा के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया कि प्राणिमात्र को केवल परमात्मा पर ही विश्वास करना चाहिये, सांसारिक बंधन तो स्वार्थपूर्ण होते हैं। ग्राह ने जब गजेन्द्र को सरोवर में खींच लिया तो उस समय वहां उपस्थित गजेन्द्र के परिवार के किसी भी सदस्य ने उसकी सहायता नहीं की तब उसने करूणामय परमात्मा का स्मरण किया और भगवान ने एक पल की भी देर लगाए बिना वहां आकर गजेन्द्र को ग्राह के बंधन से मुक्त कराया। उन्होंने राम और कृष्ण अवतार का हेतु बताते हुए कहा कि अधर्म के नाश के लिए ही भगवान बार बार इस धरा धाम पर प्रकट होते हैं। अंत में कथा परीक्षित विजय गुप्ता व उनकी पत्नी ने भागवतजी की आरती उतारी।