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संवेदना साहित्य समिति ने किया डाॅ0 रसूल अहमद साग़र को किया सम्मानित

उरई/जालौन। बुन्देलखण्ड के गौरव जनपद की शान डाॅ0 रसूल अहमद ‘साग़र’ किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। साहित्य जगत में अपनी गज़लों से विश्व विख्यात डाॅ0 ‘साग़र’ को आज संवेदना साहित्य समिति सम्मान करते हुये धन्य हो गई। संवेदना साहित्य समिति की अध्यक्षा डाॅ0 माया सिंह ‘माया’ ने बुका भेंट कर नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुये डाॅ0 साग़र को साॅल उढ़ाकर एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस दौरान अपने संक्षिप्त उदवोदन में कहा कि आज साग़र साहब जिस मुकाम पर हैं वहां सम्मान व पुरस्कार का कोई महत्व नहीं है। डाॅ0 साग़र वो सख्सियत हैं जहां पहुँचकर सम्मान स्वयं सम्मानित हो जाते हैं। डाॅ0 रसमल अहमद ‘साग़र’ पर बुन्देलखण्ड युनिवर्सिटी झाँसी में उनकी साहित्यिक उपलब्धियों पर शोध हो चुका है। जहां डाॅ0 सरताज ने डाॅॅॅक्टर ऑफ़ फिलॉसफी की। डाॅ0 साग़र ने कई देशों में अपने देश का प्रतिनिधित्व किया। आपको देश ने सैकड़ों पुरस्कार एवं सम्मान देकर गौरवान्वित किया। सैकड़ों पुरस्कारों एवं सम्मानों से सम्मानित डाॅ0 साग़र आज देश भर में बुन्देलखण्ड का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं एवं जनपद का नाम रौशन कर रहे हैं ।
माधौगढ़ तहसील के टाउन ऐरिया रामपुरा के मूल निवासी डाॅ0 रसूल अहमद साग़र की ग़ज़लें आज देश ही नहीं बाहरी मुल्कों में लोगां की संवेदनाओं का संवल बनी हुई हैं एवं उनकी ग़ज़लों को भरपूर ख्याति मिल रही है। हिन्दुस्तान के मशहूर साहित्यकार पद्म श्राी डाॅ0 शिवमंगन सिंह सुमन ने उन्हें बुन्देलखण्ड का गौरव बताते हुये कहा था कि आज के इस आपा-धापी की दौर में डाॅ0 सागर की ग़ज़लें ही हमें सही गैल दिखाने में समथ्र्य हैं। इस दौरान जनपद के वरिष्ठ कवि एड0 यज्ञदत्त त्रिपाठी, जगरूप सिंह डाॅ0 माया सिंह, राजनैतिक हस्ती के रूप में लाखन सिंह कुशवाहा, रामशंकर सिंह गौर, शान्ति कनौजिया बन्दना सिंह, मुजीब आलम वरिष्ठ पत्राकार, शाइर परवेज आलम श्रीमती राधा आदि लोग मुख्य रूप से उपस्थित रहे ।

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