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यमुना का जल स्तर बढ़ने से किसान भाईयों की चिंतायें बढ़ीं

कालपी। यमुना का जलस्तर बढ़ने का सिलसिला जारी है। बुधवार दोपहर का आँकड़ा 103 मीटर को पार कर गया है। अगर नदी में पानी और बढ़ा तो यमुना की तलहटी मे बोई गयी खरीफ की फसले बर्बाद हो सकती है।

विदित हो कि रविवार को यमुना की सहायक नदी चम्बल पर स्थित कोटा बाँध से 1 लाख 70 हजार क्यूसेक पानी छोडा गया था जिससे यमुना में बाढ़ आना सुनिश्चित हो गई थी और मंगलवार सुबह से ही यमुना के जलस्तर में उछाल आना शुरू हो गया था जो बुधवार को 103 मीटर का आँकड़ा पार कर गया है। केन्द्रीय जल आयोग के प्रभारी रूपेश कुमार के अनुसार दोपहर को नदी मे पानी बढने की रफ्तार 6 सेमी प्रति घण्टा है हालाकि नदी के विस्तार के साथ इसके कम होने की सम्भावना है पर अभी 24 घण्टे तक नदी में पानी बढने का सिलसिला बने रहने की सम्भावना है। वहीं नदी में बाढ़ आती देख नदी की तलहटी में बसे देवकली, हीरापुर, मैनूपुर, गुढा खास, शेखपुर गुढा, नरहान, मगरौल, पडरी, उरकराकला और महेवा, सिमराशेखपुर आदि गांव के किसानो की चिंता बढ़ गयी है उन्हें आशंका है कि नदी का जलस्तर और बढ़ा तो नदी के किनारे बोई गयी खरीफ की फसले नष्ट हो जाएगी और उनकी यह चिन्ता ऐसे ही नही है क्योंकि 24 घण्टे तक पानी बढने का सिलसिला जारी रहा तो सैकडो हैक्टेयर जमीन जलमग्न हो जाएगी।

पड़री गांव का सड़क सम्पर्क टूटा –
यमुना नदी का जलस्तर बढने से नून नदी में भी बाढ जैसे हालात हो गये है आलम यह है कि महेवा ब्लाक क्षेत्र के ग्राम मगरौल और पडरी के मध्य नदी पर बना रपटा डूब गया है जिससे उक्त ग्राम के लोगों का तहसील मुख्यालय से सडक सम्पर्क टूट गया है और वह नाव के सहारे नदी पार कर रहे हैं।

प्रशासनिक अमले ने पड़री रपटे का किया निरीक्षण –
यमुना का जलस्तर बढ़ने और पड़री नरहान ग्राम पंचायत का सड़क सम्पर्क टूटने की जानकारी पाकर प्रशासन भी सतर्क हो गया है। बुधवार सुबह उपजिलाधिकारी अतुल कुमार,सीओ अवधेश कुमार सिंह व कोतवाली प्रभारी परमहँस तिवारी ने पानी मे डूबे रपटे का निरीक्षण किया इस दौरान उन्होनें ग्रामीणों को नदी मे घुसकर आवागमन न करने की नसीहत दी और उनकी आवाजाही के लिए नाव की भी व्यवस्था की है।

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