जब नगर पालिका ने पुलिस चौकी की जमीन पर बना डाली नंदीशाला
कांशीराम कॉलोनी की दुकानों में संचालित हो रही है सुरही चौकी

कोंच। हैरान कर देने वाला एक मामला सामने आया है जिसमें दो सरकारी विभागों में कभी भी ठन सकती है। अभी तक भूमाफिया ही सरकारी या प्राइवेट लैंड पर अतिक्रमण करते सुने और देखे जाते रहे हैं। ऐसे मामलों में स्थानीय प्रशासन, पुलिस और नगर पालिका प्रशासन की सम्मिलित टीमें अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करती हैं, लेकिन जब एक सरकारी विभाग दूसरे की संपत्ति पर कब्जा कर ले तो आश्चर्यजनक लगता है। नया मामला पालिका द्वारा पुलिस विभाग की जमीन को कब्जिया कर उस पर नंदी शाला की तामीर कर देने का सामने आया है।
जानकारी के मुताबिक नगर के दक्षिणी छोर पर कई दशक पूर्व पुलिस चौकी सुरही की स्थापना की गई थी जो नगर पालिका क्षेत्र के मालवीय नगर में स्थित है। इसके अलावा कोतवाली से संबद्ध तीन और चौकियां थीं सागर, खेड़ा तथा मंडी, लेकिन कालांतर में पुलिस चौकियों की इमारतें जर्जर हो जाने के चलते सभी चौकियां बंद हो गई और पुलिस कोतवाली से ही काम करने लगी थी। नगर के लोगों की मांग पर वर्ष 2015 में जिले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सुनील सक्सेना ने कोतवाली की इन बंद पड़ीं सभी पुलिस चौकियों को फिर से शुरू करा दिया। चूंकि सुरही पुलिस चौकी की इमारत को पालिका के जेई की रिपोर्ट के आधार पर जर्जर बता कर अस्थाई तौर पर कांशीराम कॉलोनी परिसर में बनी दुकानों में चौकी संचालित करा दी गई थी।
चौकी के संचालन के बाद पुलिस विभाग चौकी के पुराने भवन को भूल गया जिसका परिणाम यह रहा कि पहले पालिका ने शासन के निर्देश पर गौशाला के स्थाई निर्माण तक पुलिस चौकी की जगह में अस्थाई गौशाला बना दी। माना जा रहा था कि स्थाई गौशाला के निर्माण के बाद पालिका पुलिस विभाग की जगह को खाली कर देगी लेकिन पालिका ने कान्हा गौशाला के निर्माण के बाद भी पुलिस चौकी की जगह को नहीं छोड़ा और अब वहां स्थाई निर्माण कराकर नंदी शाला का निर्माण कर डाला।
अपनी जमीन पर नंदी शाला के निर्माण के बाद भी पुलिस विभाग आंखें मूंदे सो रहा है और नगर पालिका पुलिस विभाग की जगह पर कब्जा करती जा रही है। पालिका अभिलेखों में सुरही पुलिस चौकी क्रम संख्या 3 पुलिस चौकी 4, 5, 6 आवास दीवान पुलिस चौकी दर्ज है लेकिन पालिका प्रशासन जबरन कब्जा करने में जुटा हुआ है और पुलिस विभाग मस्ती की नींद सो रहा है।
वहीं इस पूरे मामले को लेकर सीओ कोंच उमेश कुमार पांडे का कहना है कि उन्हें अभी फिलहाल इस मामले की जानकारी नहीं है, लेकिन अगर ऐसा कुछ हुआ है तो गंभीर मामला है। इंस्पेक्टर से बात कर मामले की जानकारी करता हूं। अगर पुलिस चौकी की जमीन है तो उसको कब्जा मुक्त कराया जाएगा।