जिलाधिकारी के तहसील में अचानक निरीक्षण से मचा हड़कंप

कालपी। बुधवार सुबह तहसील का कामकाज परखने के लिए जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय आकस्मिक निरीक्षण को पहुँचे तो हड़कंप मच गया। इस दौरान उन्होनें सभी पटलो के साथ अभिलेखागार और राजस्व न्यायालय की भी स्थित देखी।
बुधवार की सुबह 10 बजकर 20 मिनट हुआ था तहसील के कुछ कर्मचारी और अधिकारी अपनी सीटों पर पहुँच चुके थे तो कुछ रास्ते में थे और इसी बीच तहसील परिसर में गाड़ी रूकी और उससे जिलाधिकारी निकले तो कर्मचारियों के साथ प्रशासनिक अफसर भी हैरत में पड़ गये। इस दौरान उन्होंने कम्प्यूटर कक्ष, वीआरसी, संग्रह अनुभाग के साथ अभिलेखागार और नाजिर के कार्यालय के अलावा तहसीलदार एवं उपजिलाधिकारी न्यायालय को भी देखा।
हालांकि निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी के तेवर तल्ख नहीं थे और उन्होंने शिकायत निस्तारण प्रणाली और खसरा खतौनी तथा क्राप सर्वे के कामकाज की भी जानकारी ली और कामकाज में शिथिलता पर मौके पर मौजूद एसडीएम तथा तहसीलदार शेर बहादुर सिंह को सभी कामकाज निर्धारित समय और नियमानुसार करने की नसीहत दी। इस दौरान जिलाधिकारी जाते जाते जनता की समस्याओं को गंभीरता से लेने के निर्देश दे गये और कहा कि जनता भटकी तो सम्बन्धित के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। इस मौके पर नायब तहसीलदार हरदीप सिंह, नीलमणि के अलावा नाजिर धीरज पुरवार, आर के विनोद श्रीवास्तव सहित तहसील के ज्यादातर कर्मचारी मौजूद रहे।
वहीं निरीक्षण के बाद तहसील परिसर में घूम रहे लोगों से भी जिलाधिकारी ने बात की और तहसील आने का कारण पूछा तो नगर निवासी कन्हैया मिश्र ने कहा कि वर्ष 2021 से प्रधानमंत्री आवास की फाइल तहसील में लंबित है जिसके चलते लगभग 1100 लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है तो वहीं मँगरौल गांव निवासी राज नारायण पाल ने कहा कि लेखपाल जाति प्रमाण में रिपोर्ट नहीं लगा है। तो शैलेन्द्र सिंह सतरहजू ने भी धारा 80 की फाईल अर्से से लटके रहने का आरोप लगाया तो वह भड़क गये और शीघ्र ही मामला निस्तारित करने के निर्देश दिये है। आमतौर पर जिलाधिकारी के आगमन की जानकारी विभागीय अधिकारियों को हो जाती है जिसके चलते कमिया दुरुस्त कर ली जाती है लेकिन जिलाधिकारी के आकस्मिक दौरे से विभागीय जिम्मेदार सकते में आ गए हैं।