आयुर्वेदिक अस्पतालों को मिली संजीवनी, नहीं बनेगी बंद होने की नौबत
कोंच, सिमिरिया और वरोदा में मिली जमीन, खकसीस में जल्द मिलने की संभावना

कोंच/जालौन। लगभग बंद होने की कगार पर खड़े आयुर्वेदिक अस्पतालों को जमीन रूपी संजीवनी मिल जाने के बाद अब जल्द ही इनके नए भवनों के खड़े होने की उम्मीद बंधी है। कोंच, सिमिरिया और वरोदा के आयुर्वेदिक अस्पतालों के लिए जमीन मिल गई है जबकि खकसीस के लिए शीघ्र ही मिलने की संभावना जताई जा रही है।
कोंच का आयुर्वेदिक चिकित्सालय नगर पालिका कार्यालय के सामने स्थित पुराने सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की जमीन पर बने भवन में चल रहा है। इसकी इमारत इतनी जीर्णशीर्ण है कि आयुष विभाग इसे कभी भी बंद करने का फरमान जारी कर सकता था। अस्पताल के नए भवन निर्माण के लिए एक अदद भूखंड की जरूरत काफी शिद्दत से महसूस की जा रही थी। इसके लिए चिकित्सालय प्रभारी डॉ. जितेंद्र वर्मा द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे थे। उनकी पहल आखिर रंग लाई और कांशीराम कॉलोनी में सुरही चौकी के बगल में इसके लिए भूखंड मिल गया है।
इसके अलावा सिमिरिया व वरोदा के आयुर्वेदिक अस्पतालों के लिए भी जमीनें मिल गई हैं जबकि खकसीस में जल्द मिलने की संभावना जताई जा रही है। डॉ. जितेंद्र वर्मा ने बताया कि नए भवनों के लिए शासन को प्रस्ताव भेज दिए गए हैं। इसकी फाइल डीएलआरसी उरई को भेजी गई है, शासन की मंजूरी मिलते ही नए भवनों का निर्माण शुरू हो जाएगा।