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कैंसर रोगियों को आयुष्मान कार्ड से मिल रहा जीवनदान, हो रहा नामी अस्पतालों में इलाज

उरई/जालौनआयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से जिले के 2412 कैंसर मरीजों का इलाज देश के विभिन्न पंजीकृत राजकीय व निजी चिकित्सालय में हुआ है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० नरेंद्र देव शर्मा ने बताया कि आयुष्मान योजना में जिले के कैंसर संबंधित बीमारियों के मरीज झांसी, कानपुर, लखनऊ, ग्वालियर, दिल्ली एवं भोपाल में अपना उपचार करवाते हैं। इस योजना से कई मरीजों को लाभ मिला है। यह योजना आर्थिक रुप से कमजोर लोगों के लिए जीवनदान देने का काम कर रही है।

आयुष्मान भारत योजना के जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ आशीष कुमार झा ने बताया कि 2018 सितंबर में योजना की शुरुआत से अब तक जिले के कुल 2412 कैंसर मरीजों का उपचार किया गया। जिसमें 6 करोड़ से भी अधिक की राशि खर्च की गई है। मेडिकल ऑनकोलोजी में सबसे अधिक 1978, रेडिएशन ऑनकोलोजी में 343, एवं सर्जिकल ऑनकोलोजी में 90 मरीजों का उपचार हुआ है। पीडियाट्रिक कैंसर के भीएक मरीज का उपचार आयुष्मान कार्ड के माध्यम से किया गया है।

डॉ० आशीष ने बताया कि वर्ष 2018 में कुल 14 मरीज, 2019 में 171, 2020 में 271, 2021 में 808 एवं 2022 में 1148 मरीजों का उपचार इस योजना के अंतर्गत किया गया है। सबसे अधिक कैंसर मरीजों काउपचार ग्वालियर शहर के अस्पतालों में किया गया है। जिसमें कैंसर हॉस्पिटल रिसर्च इंस्टिट्यूट में 1182, बीआईएमआर हॉस्पिटल में 229, जयारोग्य हॉस्पिटल में 219, विद्या कैंसर हॉस्पिटल में 182 प्रमुख हैं। कुल मरीजों में 61 प्रतिशत पुरुष एवं 39 प्रतिशत महिलाएं हैं। कुल उपचारित मरीजों में 80 प्रतिशत कैंसर पीड़ित का इलाज निजी चिकित्सालय में जबकि 20 प्रतिशत राजकीय चिकित्सालय में किया गया है|

केस-1
ग्राम कुरसेड़ा निवासी रवि ने बताया कि उन्हें मुंह का कैंसर है। शुरूआत में जांच के लिए पैसा लगा था लेकिन जब आयुष्मान योजना से इलाज कराया तो इलाज में पैसा खर्च नहीं करना पड़ा। उन्होंने ग्वालियर स्थित बीआईएमआर हॉस्पिटल में इलाज लिया। सर्जरी में 45 से 55 हजार रुपया खर्चा हुआ, जो आयुष्मान कार्ड के अंतर्गत ही वहन हुआ।

केस-2
मोहल्ला पटेलनगर निवासी शकुंतला ने बताया कि उन्होंने त्वचा कैंसर का हॉस्पिटल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, ग्वालियर में आयुष्मान कार्ड से इलाज लिया। 24 दिसंबर 2022 को अस्पताल में भर्ती होने के बाद सर्जरी की गई थी और 6 जनवरी 2023 को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया। जानकारी मिली थी कि उनके इलाज में करीब सत्तर हजार रुपये खर्च होने थे लेकिन आयुष्मान कार्ड की मदद से वह बच गए।

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