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स्वास्थ्य कर्मियों के प्रयास से जनपद जालौन पुरुष नसबंदी में बुंदेलखंड में अव्वल

मिली सही सलाह तो 35 पुरुष नसबंदी कराने के लिए आए आगे

उरई/जालौनपरिवार नियोजन पखवाड़े में जालौन जनपद ने उल्लेखनीय काम किया है। पुरुष नसबंदी के मामले में जालौन जनपद बुंदेलखंड में पहले और प्रदेश में चौथे स्थान पर रहा है। यहां पखवाड़े में 22 पुरुषों ने नसबंदी कराई है। जबकि दिसंबर माह में 35 पुरुषों ने आगे आकर परिवार नियोजन अपनाया है। यह काम स्वास्थ्य कर्मियों के लगातार किए गए प्रयासों के कारण हुआ है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एनडी शर्मा का कहना है कि परिवार नियोजन के लिए वैसे तो स्थायी और अस्थायी कई साधन होते है लेकिन उनमें पुरुषों की भागीदारी कम होती है। इस बार स्वास्थ्य कर्मियों के प्रयास का नतीजा रहा है कि 21 नवंबर से 11 दिसंबर 2022 तक चले परिवार नियोजन पखवाड़े में 22 पुरुषों ने नसबंदी कराई है। जो बुंदेलखंड में सबसे ज्यादा है। यही नहीं प्रदेश में भी जालौन जनपद का चौथा स्थान है।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी परिवार कल्याण डॉ. एसडी चौधरी बताते है कि 772 महिलाओं ने भी नसबंदी कराकर परिवार नियोजन अपनाया है। हालांकि इस बार पुरुषों ने भी अपनी भागीदारी अच्छे से निभायी है। पिछले साल 2021 में 11 लोगों ने पखवाड़े के दौरान नसबंदी कराई थी लेकिन इस बार लगातार किए गए प्रयासों का नतीजा है कि 22 पुरुषों ने नसबंदी कराकर स्थायी परिवार नियोजन अपनाया है। उन्हें शासन द्वारा निर्धारित तीन हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।

नसबंदी कराने में डकोर ब्लाक अव्वल :
परिवार नियोजन के मामले में डकोर ब्लाक के 10 पुरुषों ने नसबंदी कराई है। जबकि कदौरा में आठ पुरुषों ने परिवार नियोजन अपनाया है। पिंडारी (कोंच ब्लाक) से छह पुरुषों नेनसबंदी कराई है। बाबई (महेबा), कुठौंद, रामपुरा ब्लाक ने चार चार, छिरिया (जालौन ब्लाक) ने तीन पुरुषों ने नसबंदी अपनायी है।

पूर्व प्रधान के पति ने भी अपनाया परिवार नियोजन :
कदौरा के ब्लाक के ग्राम गर्रेही के पूर्व प्रधान के पति महेंद्र सिंह ने भी परिवार नियोजन अपनाया है। महेंद्र का कहना है कि गांव की आशा कार्यकर्ता शांति देवी, एएनएम वंदना साहू और बीसीपीएम गोविंद शर्मा ने उन्हें परिवार नियोजन के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपनी पत्नी एवं पूर्व प्रधान बबली देवी से सलाह ली। पत्नी की रजामंदी पर वह नसबंदी शिविर में पहुंचे और परिवार नियोजन अपनाया। उन्हें कोई परेशानी नहीं हो रही है।

डाक्टर के परामर्श पर होमगार्ड भी नसबंदी को राजी :
होमगार्ड भारत ने डकोर ब्लॉक में होमगार्ड के पद पर तैनात है। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. इदरीश मुहम्मद बताते है कि वह ब्लॉक परिसर में परिवार नियोजन की चर्चा कर रहे थे। तभी ड्यूटी पर तैनात होमगार्ड भारत ने उनसे नसबंदी के बारे में जानकारी ली। उन्होंने उसे प्रेरित किया। इसका नतीजा यह हुआ कि होमगार्ड नसबंदी शिविर में पहुंच गया और नसबंदी आपरेशन करा लिया। उन्हें किसी तरह की दिक्कत नहीं हुई।

पुरुष नसबंदी सरल और सुरक्षित :
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. इदरीश का कहना है कि नसबंदी महिला नसबंदी के मुकाबले सरल और सुरक्षित है। इसमें टांका और चीरा नहीं लगाया जाता है। इसमें व्यक्ति को भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती है। पुरुष नसबंदी को लेकर भ्रम पालने की आवश्यकता नहीं है।

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