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बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन ए की दवा पिलाना जरूरी : डॉ. वीरेंद्र सिंह

विटामिन ए की दवा पिलाने के लिए 28 दिसंबर से चलेगा अभियान

उरई/जालौन। बाल स्वास्थ्य पोषण माह के अंतर्गत 28 दिसंबर से 9 माह से लेकर 5 साल तक के 1.94 लाख से अधिक बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई जाएगी। यह अभियान हर छह माह में आयोजित किया जाता है। इसका उद्देश्य बच्चों में विटामिन ए की कमी को दूर करना है। जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और वह स्वस्थ और पोषित होते है। यह बात अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) डॉ. वीरेंद्र सिंह ने कही।

सीएमओ डॉ. एनडी शर्मा के निर्देश पर एसीएमओ आरसीएच ने सीएमओ कार्यालय अचल प्रशिक्षण केंद्र में बाल स्वास्थ्य पोषण माह के अंतर्गत सीएचसी और पीएचसी के चिकित्सा अधिकारियों के साथ बैठक ली और कार्यक्रम को सफल बनाने की रणनीति तय की। उन्होंने बताया कि 9 माह से 12 माह तक के बच्चों को आधा चम्मच, 16 माह से 24 माह तक के बच्चों को पूरा चम्मच, दो साल से पांच साल तक के बच्चों को पूरा चम्मच दवा पिलाई जाएगी। इसके लिए टीमों को निर्देशित कर दिया गया है। यह कार्यक्रम ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस (वीएचएनडी) एवं शहरी स्वास्थ्य पोषण दिवस (यूएचएनडी) पर आयोजित किए जाएंगे। इसमें लक्षित बच्चों को दवा पिलाई जाएगी। उन्होंने निर्देश दिया कि इस बात का ध्यान रखा जाए कि एक सत्र पर दस से अधिक बच्चे एक साथ एकत्रित न हो। आशा द्वारा उन्हें कुछ अंतराल के बाद ही बुलाया जाए।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) डॉ. प्रेम प्रताप ने बताया कि एक हजार की आबादी पर अनुमानतः 120 से 130 बच्चे होते है, जिनको दवाई पिलाई जानी है। इसके लिए कार्ययोजना बनाकर बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी जाएगी। इसमें एएनएम, आशा वर्कर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को जिम्मेदारी दे दी गई है। अभियान के दौरान डिस्पोजल चम्मच से दवा पिलाई जाएगी। दवा पिलाने के बाद एएनएम द्वारा एमसीपी कार्ड पर उसकी प्रविष्टि की जाएगी। इस दौरान कोरोना प्रोटोकाल के नियमों का भी पालन किया जाएगा। पूरे अभियान की मानीटरिंग की जाएगी।

अपर शोध अधिकारी (एआरओ) आरपी विश्वकर्मा ने बताया कि अभियान के दौरान 9 से 12 माह के 21890, एक से दो साल के 41245, दो से पांच साल के 1.31 लाखबच्चों समेत कुल 1.94 से अधिक बच्चों को विटामिन ए की दवा पिलाई जानी है। इसका माइक्रोप्लान तैयार कर लिया गया है। ब्लाक वार लक्ष्य निर्धारित कर जिम्मेदारी दे दी गई है। इसके लिए 3893 बोतलों का प्रयोग किया जाएगा।

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