पूर्व के निकाय चुनावों में प्रत्याशियों के खिलाफ गए ‘बागियों’ की करतूतें बताईं जिलाध्यक्ष को
घर घर जाकर मिले निकाय चुनाव को लेकर नब्ज टटोलने आए भाजपा जिलाध्यक्ष

कोंच (पीडी रिछारिया)। सत्ताधारी भाजपा में निकाय चुनाव को लेकर रायशुमारी की कवायद शुरू हो गई है। टिकिट को लेकर मची खींचतान में किसे टिकिट दिया जाता है और इसमें किस फार्मूले का इस्तेमाल किया जाएगा यह तो फिलहाल भविष्य के गर्त में है लेकिन पार्टी में रायशुमारी की औपचारिकता पूरी करने का कालम बाकायदा भरा जा रहा है। भाजपा जिलाध्यक्ष रामेंद्र सिंह सेंगर बनाजी का कोंच आकर कार्यकर्ताओं से घर घर जाकर मिलना इसी कवायद का हिस्सा माना जा रहा है। इस रायशुमारी में सबसे अहम् यह है कि पूर्व में हुए निकाय चुनावों में टिकिट नहीं मिलने या अन्य व्यक्तिगत कारणों से बगावत का झंडा बुलंद करने वाले बागियों की करतूतें भी जिलाध्यक्ष को बताईं गईं।
पार्टी आलाकमान के निर्देश पर भाजपा में निकाय अध्यक्ष के टिकिट को लेकर कार्यकर्ताओं से रायशुमारी की कवायद शुरू हो गई है। भाजपा जिलाध्यक्ष रामेंद्र सिंह सेंगर बनाजी ने मंगलवार का पूरा दिन कोंच में गुजारा और कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलने के लिए घर घर जाकर लोगों से मिले। इस मेल मिलाप के लिए जो वर्जनाएं निर्धारित की गई थी उनमें संगठन के पूर्व नगर अध्यक्षों के अलावा पूर्व में निकाय चुनाव लड़ चुके प्रत्याशियों से मिल कर ‘किसे टिकिट दिया जाए’ को लेकर उनकी राय जानी गई। हालांकि यहां राजनैतिक खेमों में इस बात की भी चर्चा जोरों पर है कि भाजपा जिलाध्यक्ष पूर्व पालिकाध्यक्ष विनीता सीरौठिया की भाजपा में ज्वाइनिंग कराने की रायशुमारी करने आए थे लेकिन जिन लोगों से वे मिले उन पार्टी कार्यकर्ताओं ने इस बात की तस्दीक नहीं की है। अलबत्ता, जिलाध्यक्ष को पार्टी के उन लोगों जो पूर्व के निकाय चुनावों में भाजपा टिकिट की दावेदारी कर रहे थे और टिकिट नहीं मिलने पर पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद किए रहे, की करतूतों के बाबत जरूर बताया गया। गौरतलब है कि इस निकाय चुनाव में ऐसे तमाम लोग टिकिट के दावेदारों में शुमार बताए जा रहे हैं। जिलाध्यक्ष को खुले तौर पर जता दिया गया है कि इन्हीं जैसे कारणों की वजह से पिछले चौंतीस सालों से निकाय चुनाव में भाजपा का पालिकाध्यक्ष नहीं बन पाया है। बहरहाल, समझा जा रहा है कि भाजपा जिलाध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं की बात को गौर से सुना होगा और निश्चित रूप से उनका जिताऊ प्रत्याशी का अन्वेषण जरूर फलीभूत होगा।