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श्रावण मास में भगवान शिव की आराधना से पूर्ण होती हैं मनोकामनाएं : आचार्य अनिरुद्ध मिश्रा

कोंच (पीडी रिछारिया) पवित्र श्रावण मास में श्री सदगुरू धाम संस्कृत महाविद्यालय में प्रतिष्ठित महाभारत कालीन श्री चंद्रेश्वर सरकार मंदिर में भगवान आशुतोष का नित्य प्रति जलाभिषेक और रुद्राभिषेक अनवरत जारी है। संस्कृत महाविद्यालय के छात्र प्रति दिन साहित्य विभागाध्यक्ष आचार्य अनिरुद्ध मिश्रा व सहायक व्याकरण विभागाध्यक्ष ऋषि तिवारी के आचार्यत्व में लोक कल्याणार्थ यह अनुष्ठान करते हैं।
समीपस्थ ग्राम चांदनी में श्री सदगुरू धाम संस्कृत महाविद्यालय के छात्र अपने आचार्यों के सानिध्य में भगवान भूतनाथ की आराधना उपासना में लीन हैं। गुरुवार को महाविद्यालय प्रांगण में स्थित भगवान चंद्रेश्वर सरकार के मंदिर में भगवान भोलेनाथ का विधि विधान से पूजन अर्चन किया गया। श्रावण मास में रुद्राभिषेक के महत्व के बारे में आचार्य अनिरुद्ध मिश्रा बताते हैं कि यह मास प्रभु भगवान भोलेनाथ को सबसे प्रिय लगने वाला मास है जिसके चलते इस पूरे महीने भगवान शंकर की आराधना की जाती है। इस मास में जो भी व्यक्ति उनकी आराधना व अभिषेक कराता है वह उसकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति भगवान भोलेनाथ करते हैं। रुद्राभिषेक करने से भोलेनाथ रोग दारिद्र्य आदि व्याधियों का शमन करते हैं। रुद्राभिषेक से प्राणी पाप मुक्त होकर अंत मे भोलेनाथ के धाम को प्राप्त करता है। चंद्रेश्वर महाराज के बाबत उन्होंने बताया, यह शिवलिंग अति प्राचीन होने के साथ ही अद्वितीय भी है यहां एक साथ दो शिवलिगों के दर्शन प्राप्त होते हैं जिनमें एक अति प्राचीन महाभारत कालीन है जो पांडवों द्वारा पूजित है व दूसरा पृथ्वीराज चौहान ने जब आल्हा पर आक्रमण किया था तो उन पर विजय हेतु यहीं पर बलुवा पत्थर से निर्मित शिवलिंग की प्रतिष्ठा की थी। अभिषेक के दौरान नीरज शास्त्री, रामगोपाल, शिवम शुक्ला, अमन, रोहित, आलोक, कपिल, विवेक, विपिन, पुरुषोत्तम मिश्रा, नीलेश, गोपाल दोहलिया आदि छात्र रहे।

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