यमुना तट पर प्राकृतिक जलाशय दुर्गा मूर्ति विसर्जन का उचित स्थान

जगम्मनपुर (जालौन) नवरात्रि के अवसर पर सभी पंडालों में रखी दुर्गा मूर्ति विसर्जन का पवित्र व सम्मान जनक स्थान विसरांत घाट पास यमुना तट पर बना प्राकृतिक जलाशय (तालाब) मूर्ति विसर्जन के लिए श्रद्धा व आकर्षण का केंद्र बना है।
प्रतिवर्ष नवरात्रि के उपरांत दशहरा को दुर्गा मूर्ति विसर्जन पर प्रशासन एवं क्षेत्रीय गणमान्य लोगों के लिए समस्या दिखाई देने लगती है। उप जिलाधिकारी माधौगढ़, क्षेत्राधिकारी माधौगढ़, तथा रामपुरा थाना पुलिस संभ्रांत लोगों एवं दुर्गा भक्तों की बैठक कर मूर्ति विसर्जन के स्थान का चयन करने पर माथापच्ची करते हैं। जल में प्रदूषण फैलने के भय से न्यायालय के आदेशानुसार प्रवाहित नदियों में मूर्ति विसर्जन पर प्रतिबंध है , स्थानीय जलयुक्त गड्ढों एवं गंदे पानी से भरे तालाबों में अपने श्रद्धा की देवी का विसर्जन करने में लोगों की भावनाएं आहत होती हैं। कानून का पालन करना व करवाना प्रशासन की बाध्यता है। इस दुरूह स्थिति से निपटने के लिए बैठकों का दौर चलता है लेकिन पूर्ण संतुष्टि का रास्ता नहीं निकल पाता, अंततोगत्वा दशहरा पर किसी तरह मूर्ति विसर्जन हो जाता है, लेकिन इस स्थिति से निकालने के लिए प्रकृति ने स्वयं अपना सहयोग प्रदान कर जगम्मनपुर से आगे विशरांत घाट यमुना तट पर (शिवगंज) पर कई वर्षों से एक प्राकृतिक जल स्रोत बन गया है जो हमेशा निर्मल जल से लबालब रहता है। इसका आकार इतना विशाल है कि इसमें यदि 200 मूर्तियां भी विसर्जित कर दी जाएं तो इसके स्वरूप पर कोई परिवर्तन नहीं होता। देवी भक्तों ने इसे मां जगदंबा एवं प्रकृति का उपहार मानकर प्रसन्नता व्यक्त की है।