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बाढ़ से तबाह हुए जनजीवन को उबारने के लिए परमार्थ समाज सेवी संस्थान ने आगे बढ़ाया हाथ

उरई (गोविन्द दाऊ)। यमुना नदी की बाढ़ तो उतार पर आ गई है लेकिन नदी के किनारे के गांवों में तबाही के नि बीबीशान छोड़ गई है। आशियाने ढ़ह जाने से लोग बेघर हो गये हैं, उनका गल्ला और पूरी गृहस्थी जल प्लावन अपने साथ बहा ले गया है। चारों तरफ बदहाली और लाचारी का मंजर है। ऐसे में परमार्थ समाज सेवी संस्थान की टीम जब आंसू पोंछने के लिए उनके पास पहुंची तो वे भावुक हो गये।
बाढ़ पीड़ितों की तकलीफ बंटाने के लिए परमार्थ समाज सेवी संस्थान आगे आया है। रामपुरा ब्लाक के लगभग आधा दर्जन गांवों में जहां बाढ़ ने जनजीवन के साथ जबरदस्त खिलवाड़ किया परमार्थ की टीम पहुंची तो लोगों की हालत देखकर द्रवित हो गयी। बच्चे महिलायें तक खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हो गये हैं। खेतों में फसल का एक पौधा नहीं बचा है। इन गांवों में एक बड़ा तबका सब्जी बारी करता था उसके अरमान भी पानी में बह गये हैं। कई घरों में कुछ दिनों से चूल्हा तक नहीं जला है। पीने के पानी का संकट भी गहराया हुआ है। सारे जल स्रोत बाढ़ की वजह से दूषित हो गये हैं। उनका पानी पीना बीमारी को मोल लेना समझा जा रहा है। ऐसे में जनजीवन के लिए स्वच्छ जल की व्यवस्था भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। इन कठिन हालातों में लोग जैसे तैसे फिर गृहस्थी संभालने में लगे हैं। निनावली, चांदनपुरा, किशुनपुरा, मुल्ले का पुरा व कूसेपुरा आदि गांवों में परमार्थ के निदेशक अनिल सिंह और उनकी टीम ने लोगों की इस व्यथा कथा को भीषण उमस के बावजूद पूरी तसल्ली से सुना और उन्हें ढ़ांढ़स बंधाया कि विपत्ति के इस दौर में परमार्थ आपके साथ है।
इस अवसर पर उन्होंने उक्त ग्रामों के लगभग 250 बाढ़ से उजड़े परिवारों को सूखी राशन सामग्री एवं स्वच्छता किट चूल्हा फिर शुरू करने के लिए वितरित की। साथ ही कहा कि आगे उनकी खेती के लिए संस्थान बीज, खाद आदि की व्यवस्था में भी उनका इसी तरह सहयोग करेगा। ग्रामीण संस्थान की मदद पाकर भाव विभोर हो गये। परमार्थ की टीम में निदेशक अनिल सिंह के साथ वरूण सिंह, शिवमंगल सिंह, संतोष कुमार, शिवम सोनी, राजेश यादव व निर्मल पाल आदि कार्यकर्ता भी रहे। अनिल सिंह ने बताया कि मदद का यह अभियान लगातार जारी रहेगा। लगभग 15 बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित ग्रामों के 1000 परिवारों तक सहायता पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है। उधर जल जन जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक और परमार्थ के सचिव संजय सिंह भी बाढ़ प्रभावित ग्रामों का व्यापक दौरा कर रहे हैं। घर गिरी के शिकार लोगों के पुनर्वास और वैकल्पिक जीविका की व्यवस्था के लिए उन्होंने बेहद चिंता दिखाई है। कहा है कि इस मोर्चे पर तबाह लोगों की मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी।

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