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किन्नरों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए सरकारी प्रयास तेज

उरई। किन्नरों को समाज की मुख्य धारा में शामिल कराने के लिए सरकार के प्रयास तेज हैं। उनके अधिकारों को कानूनी मान्यता दी जा रही है और इस दिशा में व्यवहारिक क्रियान्वयन में भी कसर नहीं छोड़ी जा रही है। इसकी तस्वीर बुधवार को परमार्थ समाज सेवी संस्थान के बघौरा रोड स्थित कार्यालय में आयोजित हुई विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
सभा के प्रारम्भ में परमार्थ के वरूण सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। सभा में मुख्य रूप से विधिक प्राधिकरण समिति की सचिव सिविल जज रेनू यादव, नायब तहसीलदार उरई चन्द्रकांत तिवारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी विमलेश आर्या और उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 एम अकील व शिक्षा विभाग से प्रदीप कुमार उपस्थित थे। एक दर्जन से अधिक किन्नरों ने भी सभा में सहभागिता की।

नायब तहसीलदार उरई चन्द्रकांत तिवारी ने बताया कि पैतृक संपत्ति में थर्ड जेंडर के लिए भी बराबर के अधिकार की व्यवस्था की गई है। अगर कहीं उन्हें यह अधिकार हासिल करने से रोका जा रहा हो तो पीड़ित थर्ड जेंडर उनसे संपर्क कर सकता है। उसकी पूरी मदद की जायेगी। सीडीपीओ विमलेश आर्या ने गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को अपने विभाग से मिलने वाले लाभों के बारे में अवगत कराया। डिप्टी सीएमओ डॉ० एम अकील स्वास्थ्य योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। प्रदीप कुमार ने शिक्षा के अनिवार्य अधिकार अधिनियम के विभिन्न पहलुओं के बारे में संबोधित किया।
मुख्य अतिथि रेनू यादव ने जोर देकर कहा कि भारतीय समाज में प्राचीन काल से ही किन्नरों को गरिमा के साथ जीेने का अवसर उपलब्ध कराया गया था। रामायण की कथा में भगवान राम ने किन्नरों को समाज में शुभ शकुन के रूप में नवाजे जाने का आशीर्वाद दिया था। इसके कारण आज भी मांगलिक अवसरों पर किन्नरों का आना शुभ माना जाता है। किन्नरों को ओछी निगाह से देखा जाना औपनिवेशिक काल की देन है लेकिन उच्चतम न्यायालय ने अब उन्हें सम्मान के साथ जीने का अधिकार प्रदान कर दिया है।

सरकारी नौकरियों में पिछड़ा वर्ग आरक्षण के तहत उन्हें भी लाभ देने के निर्देश जारी हो गये हैं। शासन किन्नरों को समाज की मुख्य धारा में पहुंचाने में क्रियाशील है। ऐसी गोष्ठियां करके किन्नरों को इसकी जानकारी दी जानी चाहिए। सभा में भुक्त भोगी किन्नरों ने न्यायिक और प्रशासनिक अधिकारियों को अपनी बीती से अवगत कराया।
शिवांगी नाम की किन्नर ने बताया कि पहले जब वह अपने आप से पूरी तरह परिचित नहीं थी तो युवक बनकर पड़ती रही। बाद में उसे थर्ड जेंडर होने का एहसास हुआ तो उसने साड़ी पहननी शुरू कर दी और शिवांगी नामकरण कर लिया लेकिन इसके चलते उसका आधार कार्ड नहीं बन पा रहा है। इस पर इस सिविल जज रेनू यादव ने नायब तहसीलदार से उनकी समस्या को हल करने को कहा। इस दौरान प्रोग्राम मैनेजर अमरदीप ने अतिथियों को परमार्थ समाज सेवी संस्थान की प्रगति रिपोर्ट से अवगत कराया। आभार प्रदर्शन शिव मंगल सिंह ने किया।
इस मौके पर लेखपाल उरई दिग्यविजय तथा परमार्थ के संदीप पाण्डेय, रीतेश, बृजेश, विजय पाण्डेय, रागिनी, प्रवीणा, शिवम सोनी, आरती वर्मा, निर्मल पाल, सना, स्वाती, प्रभा, हर्षित, ममता आदि उपस्थित रहे।