पंचमी पर खुली जवारों की झांकी, दर्शनों को उमड़े श्रद्धालु
भक्तों ने अचरीं गा कर मैया को प्रसन्न करने का उपक्रम किया

कोंच (पीडी रिछारिया) नवरात्रि में जवारे बोए जाने का विधान है जिसके चलते चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को कई जगह जवारे बोए गए थे। पंचमी पर रविवार को जवारों की पहली झांकी आम श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए खोली गई जिसमें भक्तों का तांता देर रात तक लगा रहा। इधर, मंदिरों में भी मैया के दर्शनों हेतु श्रद्घालुओं की खूब भीड़ उमड़ी। देवी गीत और अचरियां गाकर श्रद्धालु मैया को प्रसन्न करने में पूरे भक्तिभाव से लगे हैं।
नगर व क्षेत्र के विभिन्न देवी मंदिरों में पंचमी को सुबह से ही जलाभिषेक के लिए महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ी। जलाभिषेक के बाद विधि विधान से मैया की पूजा अर्चना की गई। सायं वेला में दर्शनार्थियों की भीड़ और भी अधिक बढ गई। गोधूलि वेला से प्रारंभ हुए दर्शनार्थी देर रात तक मंदिरों में मत्था टेकने पहुंचे। मैया के साक्षात् स्वरूप जवारों की भी पंचमी को प्रथम झांकी खुली और श्रद्धालुओं ने उनके दर्शन किए। विद्वान ब्राह्मणों के अनुसार जवारे धन धान्य के प्रतीक हैं और उनका अंकुरण फसलों की पैदावार का संकेत देने वाला है। इन्हें आदिशक्ति का साक्षात् स्वरूप भी माना गया है और वैसी ही मान्यता है। रात्रि में जवारों के स्थानों पर महिलाओं द्वारा मैया को प्रसन्न करने के लिए देवी भजन और बुंदेलखंड में प्रचलित अचरियां गाईं गईं।