निराशा भरे दौर में राहुल गांधी ही हैं देश की आशा : शाहनवाज़ आलम
राहुल गांधी के देश के नाम पत्र को हर घर तक पहुंचायेंगे
बाघा बॉर्डर/अमृतसर। राहुल गांधी देश के एक मात्र नेता हैं जो इस निराशा भरे दौर में लोगों में आशा जगाते हैं. जिन्हें देश की अर्थव्यवस्था, युवाओं की बेरोजगारी, किसानों के एमएसपी और समाज में सद्भावना की चिंता है. राहुल गांधी जी के देश के नाम पत्र में उनकी यही सोच झलकती है जिसे घर-घर पहुंचाया जाना ज़रूरी है. ये बातें उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 80 वीं कड़ी में कहीं.
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा पर अपने अनुभवों और विचारों को व्यक्त करती राहुल गांधी की यह चिट्ठी 26 जनवरी से हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के तहत हर व्यक्ति तक पहुँचायी जाएगी. इसके लिए अल्पसंख्यक कांग्रेस की तरफ से मंडल और ज़िला प्रभारी जल्द ही नियुक्त किए जाएंगे.
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि पत्र में राहुल गांधी जी ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि उनका व्यक्तिगत और राजनीतिक लक्ष्य एक है- हक़ की लड़ाई में मजलूमों की आवाज़ बनना और इसके लिए संविधान को अपना मार्गदर्शक मानना. उन्होंने कहा कि आज जब कमज़ोर तबकों से भाजपा सरकार उनके संविधान प्रदत्त अधिकारों को छीन रही हैं तब क्षेत्रीय पार्टियां खामोश हैं.
यहाँ तक कि देश जोड़ने के लिए राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही कन्याकुमारी से कश्मीर तक की पदयात्रा में निमंत्रण के बावजूद अखिलेश यादव नहीं आए. उन्होंने कहा कि मुसलमानों, दलितों और पिछड़ों को समझना चाहिए कि जिन पार्टियों के नेता ईडी के डर से संविधान की रक्षा के लिए कुछ नहीं बोल पा रहे हैं वो उन तबकों के हितैषी नहीं हो सकते.