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पंचनद स्नान मेला की तैयारियां हुईं पूरी, अधिकारियों ने किया स्थलीय निरीक्षण

संगम में पचास हजार श्रद्धालुओं के स्नान की संभावना

जगम्मनपुर/जालौनबुंदेलखंड के प्रसिद्ध पंचनद स्नान मेला की तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। स्थानीय प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने स्नान मेला के प्रबंध का बारीकी से निरीक्षण कर संतोष जताया है। बुंदेलखंड की प्राचीन व प्रसिद्ध पंचनद स्नान मेला की तैयारियां पूर्ण कर ली गई है।

श्री बाबा साहब मंदिर प्रबंध समिति एवं ग्राम पंचायत भिटौरा (कंजौसा) की व्यवस्था में आयोजित 10 दिवसीय पंचनद स्नान मेला के लिए ग्राम प्रधान द्वारा संगम तट पर स्नान घाट के लिए सुविधाजनक रास्ता, नदी तट पर बेरीकेटिंग, मेला मंदिर व नदी तट पर प्रकाश व्यवस्था, नदी में कुशल तैराकों से युक्त छोटी नौकाएं तैनात की गई है एवं महिलाओं के लिए वस्त्र बदलने हेतु ओट गुमटी बनाई गई हैं। मेला में आने वाले यात्रियों के लिए शुद्ध पेयजल, मंदिर की ओर से प्रसाद भोजन जो क्षेत्रीय गांव जगम्मनपुर, गुढा, चंदावली, भिटौरा, जूहीखा, ततारपुर, गूंज, हुसेपुरा जागीर आदि गांव के द्वारा प्रबंध किया जाता है पूर्ण कर लिया गया है। मेला के बाहर चार पहिया कार, मोटरसाइकिल, साइकिल स्टैंड बनाए गए हैं ताकि मेला के बीच में कोई वाहन प्रवेश कर अव्यवस्था न फैला सकें।

मंदिर के अंदर सीमा से अधिक भीड़ एकत्रित न हो सके श्रद्धालु क्रम क्रम से मंदिर मे प्रवेश कर सकें एवं जगम्मनपुर से लेकर कन्जौसा मेला तक पहुंचने की रास्ता, इटावा की ओर से आने बाले मार्ग में कंजौसा पुल पर एवं मेला ग्राउंड व स्नान घाट में सब कुछ सुरक्षित रहे इसके लिए थानाध्यक्ष रामपुरा द्वारा 20 ड्यूटी पॉइंट बनाकर पुलिस ड्यूटी तय कर दी गई हैं। ग्राम पंचायत द्वारा मेला कार्यालय, खोया पाया केंद्र बनाया गया है। पुलिस कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है। उप जिलाधिकारी माधौगढ़ अंगद सिंह यादव, क्षेत्राधिकारी माधौगढ़ डॉक्टर देवेंद्र कुमार, थानाध्यक्ष रामपुरा राजीव कुमार सिंह बैस ने स्नान मेला प्रबंध का बारीकी से निरीक्षण कर अधीनस्थों को आवश्यक निर्देश दिए हैं एवं बाबा साहब मंदिर प्रबंध समिति, ग्राम पंचायत भिटौरा प्रधान से मेला व्यवस्था में सहयोग की अपेक्षा की है ।

बुंदेलखंड के प्रसिद्ध पंचनद स्नान मेला के आयोजन का प्रमाण दिल्ली के राजा पृथ्वीराज चौहान कन्नौज के राजा जयचंद के समय से प्राप्त है इससे पूर्व भी यहां स्नान पर्व मनाया जाता रहा है। प्राचीन काल में जब यहां तक पहुंचने के लिए आवागमन की सुविधा नहीं थी उस समय साधन संपन्न लोग घोडा, रथ अथवा जलमार्ग से पंचनद पर पहुंचकर स्नान करते थे। संभव है तब चार या पांच हजार की भीड़ जुटती होगी लेकिन अब चारों ओर सड़कें और आवागमन के साधनों की भरमार है इसलिए रात्रि 2 बजे से शाम 4 बजे तक पूरे दिन में लगभग 40-50 हजार श्रद्धालु स्नान करते हैं।

संगम तट पर एक समय में डेढ हजार से दो हजार तक स्थानार्थी मौजूद रहते हैं जो क्रम-क्रम से स्नान करके मंदिर में दर्शन के लिए निकल जाते हैं। मेला में बच्चों के मनोरंजन हेतु झूला एवं जादू विभिन्न आवाज के खिलौने , छोटे बड़े आकार के लोहे के बॉक्स, लोहा व पत्थर के घरेलू सामान, मिष्ठान्न, किराना, जनरल स्टोर, रेडीमेड गारमेंट्स, गर्म कपड़े, घरेलू उपयोग के कपड़े, बर्तन, जूता चप्पल, क्रोकरी, लकड़ी का सामान आदि अनेक किस्म की दुकानें सज गई हैं। इस मेले की प्रसिद्ध तीन चीजें जलेबी, सिंघाड़ा, मुरमुरा लहिया को ग्रामीण बहुत पसंद करते हैं।

श्री बाबा साहब मंदिर के महंत सुमेरवन, मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष हरगोविंद सिंह, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मनोज कुमार सिंह सेंगर, थानाध्यक्ष रामपुरा राजीव कुमार सिंह बेस ने बताया कि पंचनद के मेले को निर्विघ्न संपन्न कराने के लिए सयुक्त रूप से संपूर्ण तैयारियां पूर्ण कर ली गई है स्थानीय लोग व प्रशासनिक अधिकारी एक दूसरे का सहयोग कर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ख्याल रखेंगे।

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