– निस्वार्थ भाव से की गई सेवा का फल सदैव मीठा होता है – शालिगराम पाण्डेय उरई/जालौन। हाड़ कपा देने वाली ठंड ने जैसे जैसे अपने पांव पसारना शुरू करें वैसे ही शासन प्रशासन की चिन्ताएं भी बढ़ने लगी और जनपद में अस्थायी व स्थायी शेल्टर होम का भी प्रबन्ध करने लगे। ऐसे में कुछ ऐसे भी फरिश्ते बनकर सामने आ रहे है जिन्हें फोटो सेशन से कोई मतलब नहीं बस निस्वार्थ भाव से आने कार्य को करते हुए चले जाते हैं। ऐसे ही जनपद जालौन के उरई मुख्यालय के वरिष्ठ पत्रकार श्री शालिगराम पाण्डेय हैं जिनके छोटे से प्रयास से जोकि कोच बस स्टेंड में एक गरीब बेसहारा जो ऐसी ठण्ड में बिना कपड़े व भूखे पेट घूम रहा था। जिसे देखकर वरिष्ठ पत्रकार का दिल पसीज गया और पहले तो उसे खाना खिलाया उसके बाद पास की दुकान से उसके नग्न शरीर को ढकने के लिए कपड़े दिए। वरिष्ठ पत्रकार की इस दरियादिली के साक्षी वहां के बेसहारा लोग बने। साथ ही शासन प्रशासन के उन जिम्मेदारों को भी शर्म आनी चाहिए जो गरीब बेसहारा लोगों की हर प्रकार से मदद करने का दावा करते रहते हैं। शासन की योजनाएं तो बहुत आती हैं पर सिर्फ कागजों पर ही सीमित हो जाती हैं। यहां के प्रशासनिक अधिकारी व राजनेता सिर्फ खोखली योजनाओं का राग अलापते रहते हैं। अगर देखा जाए तो अगर समाज सेवी अपना कार्य बंद कर दें तो शायद ही है किसी गरीब का इस हाड़कपाऊ ठण्ड में कोई मदद कर सके। अगर कुछ करते भी हैं तो उस गरीब का मजाक बनाकर फोटो खींचवाने लगते हैं।