ग्रामीण तथा नगर के मंदिरों पर बड़ी धूमधाम से मनाया गया श्रीकृष्ण जन्मोत्सव
जालौन (ब्रजेश उदैनियाँ) श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व नगर तथा ग्रामीण क्षेत्रों के मंदिरों में सुबह से ही मनाया जाने लगा। मंदिरों में कृष्ण भक्ति के गीत तथा रास लीलाओं का चित्रण भी किया गया। तो वहीं घरों में भी मंदिरों की भी लोगों ने जमकर सजावट की तथा उपवास भी रखें। जन्म उत्सव को लेकर बाजार में भी भीड़ देखी गई।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी भादो मास के अष्टमी में मनाया जाता है। यह पर्व कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर मनाया जाता है। इस समय भादो की अंधेरिया तथा बादलों से गिरता हुआ पानी और बादलों की गड़गड़ाहट के बीच भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव सभी भक्तों बड़ी श्रद्धा और भाव से मनाते हैं। श्री कृष्ण जन्म उत्सव नगर तथा ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी धूमधाम से मनाया गया। सुबह से ही मंदिरों में भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया। लोग बांके बिहारी लाल की जय कारों तथा नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की जय कारों के के साथ मंदिरों में तथा घरों में गुणगान किया। बंसी वाले की जय कारे तथा श्री कृष्ण के जयकारों से पूरा नगर तथा ग्रामीण क्षेत्र गूंज रहा था। मंदिरों पर भी भव्य सजावट एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह पर बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। क्योंकि यह पर रात्रि के समय मनाया जाता है। श्री कृष्ण का जन्म भादो की अष्टमी में रात के समय रोहिणी नक्षत्र के आ जाने पर हुआ था। जिसके चलते सभी लोग रोहिणी नक्षत्र के आने के बाद ही श्री कृष्ण का जन्म उत्सव मनाते हैं। यह पर्व रात्रि के समय ही मनाया जाता है। लेकिन दिन में भी इस पर्व की धूम देखी गई। लोग मंदिरों में जाकर भजन भक्ति गीतों में मस्त रहे तथा श्री कृष्ण के भक्ति गीतों पर जमकर थिरके। नगर के द्वारकाधीश, बम्बई बाले मंदिर, पक्के तालाब स्थित मंदिर, चौधरयाना स्थित राधाकृष्ण मंदिर, पुराने अस्पताल स्थित राधा कृष्ण मंदिर, गोविंदेश्वर मंदिर के अलावा अन्य मंदिरो पर भी कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। ग्रामीण क्षेत्र के मंदिरो पर भी कृष्ण जन्मोत्सव की धूम रही। खनुवा,कैथ, सिहारी पडैया, उरगांव, पर्वतपुर आदि सभी गांव मे जन्मोत्सव मनाया गया।