उरई/जालौन। झांसी जिले में मंडलायुक्त झांसी की अध्यक्षता में उरई विकास प्राधिकरण की उन्नीसवीं बोर्ड बैठक शनिवार को कमिश्नरी सभागार में आयोजित की गई। बैठक में आवासीय योजना के अवशेष कार्यों के तहत कंपाउंड वाल, बाउंड्रीवाल का निर्माण कार्य, भूखंड और पार्क में मिट्टी भराई का समतलीकरण, पार्कों में लोहे के गेट और ग्रिल लगाने, जलापूर्ति के लिए ओवरहेड टैंक और विद्युतीकरण संबंधी सहित अन्य कार्यों को कराने के संबंध में प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। आयुक्त ने उरई प्राधिकरण के अधिकारियों से मानचित्र स्वीकृति में लापरवाही बरतने पर भी नाराजगी प्रकट की। इसके साथ साथ ग्रीन लैंड व खेलकूद के लिए आरक्षित शहर में जो भूमि है उसमें अनवरत रिहायशी मकानों का निर्माण होने से उन पर कार्रवाई न होने पर भी उंगली उठाई गई है।
उरई विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और मंडलायुक्त सुभाष चंद्र शर्मा ने बैठक में कहा कि योजना के आंतरिक विकास संबंधी कार्य पहले से ही प्रस्तावित होने चाहिए जिससे बाद में अनावश्यक खुदाई आदि से बचा जा सके। क्षेत्र में होने वाले निर्माण कार्यों में गुणवत्तापरक कार्य सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। बैठक में उरई विकास प्राधिकरण के कार्यों की समीक्षा करते हुए धीमी गति पर असंतोष जताया और कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। सचिव द्वारा प्राधिकरण की आवासीय, व्यवसायिक योजनाओं के संबंध में अवगत कराया गया। इस पर मंडलायुक्त ने कहा कि प्राधिकरण को अपनी आय बढ़ाने के लिए ऐसे स्थलों को चिह्नित करना होगा। जिन बाजारों में पार्किंग की व्यवस्था नहीं है ऐसे क्षेत्रों में जो पुराने मकान कोई व्यक्ति बेचना चाहता है उसे खरीद कर कामर्शियल कांप्लेक्स और पार्किंग प्लेस बनाने की योजना पर विचार करना होगा। आईटीआई उरई प्रतीक्षालय निर्माण कार्य और राठ बस स्टैंड यात्री प्रतीक्षालय निर्माण कार्य के लिए स्टीमेट में देरी पर सहायक अभियंता से नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए। इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र कराया जाए। मंडलायुक्त ने उरई विकास प्राधिकरण सचिव को निर्देश दिए कि बोर्ड के नामित सदस्यों से आपसी संवाद बनाए रखें। सदस्यों के साथ बैठक कर क्षेत्र में संभावित विकास के दृष्टिगत विचारों को सम्मिलित किया जाए।