विद्यालय बंद करने के खिलाफ उठानी होगी आवाज : अशोक राठौर
उरई। 2020-21 का पूरा सत्र कोरोना की भेंट चढ़ गया। निजी विद्यालयों के शिक्षकों के हालात किसी से छिपे नहीं हैं परंतु सरकार एवं न्यायालय ने यह आदेश पारित कर दिया कि विद्यालय फीस लें तथा बच्चों को प्रमोट करें। इतने आदेश मात्र से शासन/सरकार का काम चल गया परंतु क्या धरातल पर यह सब हो पाया। बच्चों के अभिभावक कोरोना बंदी की फीस देने को तैयार नहीं हैं और फीस पर ही अपनी आजीविका चलाने वाले तथा बच्चों के भविष्य की चिंता कर आनलाइन/व्यक्तिगत संपर्क कर विद्यार्थियों को पढ़ाने वाले इन शिक्षकों को पूरे साल कुछ नहीं मिला। सरकार ने पूरी तरह से हमारी उपेक्षा की। यह बात प्रदेशीय शिक्षक नेता अशोक राठौर ने कही।
उन्होंने कहा कि बाजार, होटल, माल, मेला, मैच एवं रैलियों में होने वाली भीड़ से कोरोना फैलने का कोई डर नहीं है लेकिन यदि स्कूल खुले तो कोरोना सीधे आक्रमण कर देगा। यह जितना हास्यास्पद है उतना ही विचारणीय भी है तथा बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है जबकि सत्यता यह है कि पूरे देश में कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए जिस स्तर पर भी विद्यालयों को खोला गया वहां किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना नहीं घटी।
उन्होंने कहा कि आज फिर से एक समाचार आया कि कक्षा एक से आठ तक के विद्यालय 4 अप्रैल तक बंद रहेंगे, यह उचित नहीं है। अप्रैल में विद्यालय सत्र प्रारंभ हो चुका है। अभी भी विद्यालय न खुले तो निश्चित तौर पर सत्र 2021-22 की भी वही दुर्गति होगी जो 2020-21 की हो चुकी है और ऐसे में पूरे प्रदेश की शिक्षा में पचासी प्रतिशत से अधिक प्रतिभाग करने वाला निजी सेक्टर (विद्यार्थी एवं शिक्षक) पूरी तरह तबाह एवं बर्बाद हो जाएगा। इन विद्यालयों के विद्यार्थी एवं शिक्षक कहीं के नहीं रहेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के समस्त शिक्षक, प्रधानाचार्य एवं प्रबंधक जो इस निजी क्षेत्र अर्थात वित्तविहीन/सेल्फ फाइनेंस विद्यालयों से जुड़े हैं उनसे निवेदन है कि यदि 4 अप्रैल के बाद भी कोरोना का बहाना लेकर विद्यालय बंद करने का आदेश आता है तो जिस किसी भी संगठन से जुड़े हों या न जुड़े हों 5 अप्रैल 2021 को प्रदेश स्तर पर जिलाधिकारियों के माध्यम से शासन को लोकतांत्रिक तरीके से यह मांग पत्र अवश्य जाना पहुंचाएं कि यह विद्यालय भी कोरोना गाइड लाइन का पालन कराते हुए अनिवार्य रूप से खोले जाएं। ज्ञापन के माध्यम से अपनी बात शासन प्रशासन तक पहुंचाने का काम करेंगे।