ग्राम पंचायत की पहली बैठक में जागरूक रहे सदस्य

अकबरपुर इटौरा। ग्राम प्रधानों की शपथ ग्रहण के बाद होने वाली प्रथम बैठक को लेकर ग्राम पंचायत सदस्य संग़ठन भी सक्रिय हो गया है। इस सम्बन्ध में बार्ड सदस्यों को जागरूक करने का कार्य भी शुरू हो गया है। आज वर्चुअल बैठक में संगठन के संयोजक अमित इतिहास ने बार्ड सदस्यों से इस सम्बन्ध में चर्चा की और सुझाव दिए।
पंचायतों पर कार्य कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता और अखिल भारतीय ग्राम पंचायत सदस्य संग़ठन के संयोजक अमित इतिहास ने बताया कि ग्राम पंचायतों में शपथ ग्रहण के बाद पहली बैठक अति महत्वपूर्ण है। पंचायतों की समितियों का गठन भी इसी बैठक में होना है। अगर ग्राम पंचायत सदस्य पहले से ही जागरूक रहेंगे और बिभिन्न समितियों के कार्य और अधिकार उन्हें पता चल जाएंगे तो समितियों के गठन में पक्षपात की स्थिति नही बनेगी। जहां बार्ड सदस्यों को समितियों और उनके कार्य के बारे में जानकारी नही है, वहां चुपचाप या पक्ष-पात करकेअपने खास सदस्यों को समितियां का नेतृत्व दे दिया जाता है और फिर समितियां निष्क्रिय हो जाती है, अभी तक बार्ड सदस्य भी इसलिए निष्क्रिय रहते थे कि उनकी बात कहने वाला कोई नही था। सब ऐसे ही रजिस्टरों में लिखा-पढ़ी चल रही थी, लेकिन इस बार बार्ड सदस्यों और पंचायत की समितियों को विधिवत सक्रिय किया जायेगा और ग्राम पंचायत सदस्यों की पंचायतों में भूमिका की सार्थकता को लेकर जनपद स्तर से लखनऊ और दिल्ली तक पूरे प्रयास किये जायेंगे। अमित इतिहास ने बताया कि शपथ ग्रहण के बाद पहली बैठक 30 दिनों के अन्दर आयोजित करनी होती है, लेकिन ज्यादातर पहले सप्ताह में ही ग्राम पंचायतें इस बैठक को कर लेती है। उन्होंने बार्ड सदस्यों को बताया कि प्रधान व सचिव या किसी अन्य को किसी भी समिति में किसी भी सदस्य को मनोनीत करने का अधिकार नही है। सभी सदस्यों की सहमति या फिर चुनावी प्रक्रिया में हाँथ उठाकर बहुमत के आधार पर ही समितियों का गठन होगा। बताया कि 73वें संविधान संशोधन में पंचायतों को सौंपे गए 29 विषयों को ही इन समितियों के कार्यों के लिए विभाजित किया गया है। यदि किसी ग्राम पंचायत में समितियों के गठन में पक्ष-पात होगा या अवैधानिक होगा और शिकायत मिलेगी तो इस बार ऐसे मामले अब दब नही पाएंगे और बार्ड सदस्यों की ग्राम पंचायत में भूमिका को नजर अंदाज नही होने दिया जाएगा।