उत्तर प्रदेशजालौन

गौशाला से रोज आ रही दिल दहला देने वाली तस्वीरें, हिंदू संगठनों में आक्रोश

माधौगढ़/जालौन। शासन द्वारा लाखों रुपया खर्च करने के बाद भी मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट हाशिए पर पड़ा है बल्कि यूं कहें कि भ्रष्टाचार का दीमक गौशाला को चट कर रहा है और गाय माता भूख प्यास से व्याकुल होकर जान से हाथ धो रही हैं। दो दिन से माधौगढ़ नगर पंचायत के अधीन डिकौली स्थित गौशाला से दिल को कंपा देने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं। जो देखता है उसका सीना फट जाता है। अस्थियों का ढांचा भर गौवंशों के शरीर पर है बाकी तो जिम्मेदारों ने उनका खून चूस लिया। इसी के चलते रोज तिल तिल मरते गौवंशों को जमीन में दफन कर देते हैं। इसी का विरोध जब डिकौली के युवाओं ने किया तो नगर पंचायत प्रशासन ने वरुण, दीपक और एक दर्जन अज्ञात युवाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया। एक तरफ लापरवाही की इंतहा कि आखिरी सांसें लेते गौवंशों को चुपचाप मिट्टी में दबा दिया जाता है और मामले की किसी को भनक तक नहीं लगती और लोग जब जिम्मेदारों की नाकामी की आवाज उठाएं तो मुकदमे लादकर दबा दिया जाए जबकि हकीकत में गौशाला की जमीन में ग्रामीणों के अनुसार आधा सैकड़ा गौवंशों को दफनाया जा चुका है। हालांकि मामले ने तूल पकड़ा तो पशुपालन विभाग के एडिशनल डायरेक्टर डा. वाईएस तोमर झांसी से घटना की जांच करने आए जिन्होंने गौशाला में गौवंशों की हालत को देखा और ग्रामीणों से बात की। ग्रामीणों ने सुबह का एक वीडियो भी दिखाया जिसमें नगर पंचायत का कर्मचारी दम तोड़ चुके गौवंश को चुपके से डालकर भाग गया। गौशाला में मरते हुए गौवंशों की इस हालत पर हिंदू संगठनों में उबाल आ गया। जल्द ही अगर निष्पक्ष जांच होकर दोषियों को सजा न मिली तो आंदोलन किया जाएगा।
पशु चिकित्साधिकारी ने सरकार को दिया ज्ञान :
एक ओर तो गौवंशों की हालत खराब है उन्हें भूखे प्यासे मरने के लिए छोड़ दिया गया। लापरवाही सामने आई तो माधौगढ़ स्थित पशु अस्पताल के डाक्टर ने सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए अपना निजी ज्ञान दे दिया कि तीस रुपए की डाइट में गाय तो मरेगी ही और उन्हें चारों तरफ से बंद कर दिया गया है तो वह अस्वस्थ्य होंगी और कोशिश के बाद भी जिंदा नहीं रहेंगी।
बंदरबांट की होनी चाहिए जांच :
नगर पंचायत के अधीन चलने वाली गौशाला में सितंबर से 195 गौवंशों को टैग लगाया गया जिनका शासन से प्रति गौवंश तीस रुपया भूसा चारा के लिए आता है लेकिन गौशाला में महज अस्सी पचासी गौवंश ही रहे और अभी तो न के बराबर। इतने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की जांच होनी चाहिए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button