माधौगढ़/जालौन। योगी सरकार ने बड़े जतन से गौशालाओं पर अपनी पूरी राजनैतिक ऊर्जा खर्च की लेकिन गैरजिम्मेदार अफसरों के कारण गौशालाओं की स्थिति नरकीय हो गई है। तिल तिल कर मर रहे इन गौवंशों पर चुप्पी ओढ़ ली गई है। वहीं जिम्मेदार लोग इन गौवंशों को अंधेरे और भोर के उजाले में चुपके से गड्ढा खोदकर उसमें दफना देते हैं। माधौगढ़ नगर पंचायत के अधीन बनी डिकौली की गौशाला में गौवंश भूखे प्यासे तड़प तड़प के प्राण निकाल रहे हैं। दर्जनों गौवंशों की हालत देखकर कालेज फटा जा रहा है। गौशाला की तस्वीर किसी को भी रुला और गुस्से से भर सकती है। गौशाला के अंदर का मंजर दिल को झकझोरने वाला है। बेजुबानों के ऊपर ऐसा जुल्म आंखों से नहीं देखा जाता। गौशाला में लापरवाही का आलम देखिए कि चौदह गौवंश मौजूद थे जिनमें दस जमीन पर आखिरी सांसें ले रही थी। कर्मचारियों ने बता दिया कि एक सौ चालीस गौवंश चारा खाने गए हैं। हकीकत यह है कि डिकौली के ग्रामीणों का कहना है कि गौवंशों का न इलाज कराया जा रहा है और न ही उनके खाने पीने का इंतजाम है इसलिए वह दम तोड़ रही है। सुबह आठ बजे अंतिम सांसें ले रहे गौवंश को नगर पंचायत के कर्मचारी ने जेसीबी से मिट्टी खोदकर दफनाना चाहा जिसको लेकर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि सहित कई ग्रामीणों ने विरोध जताया जिस पर कर्मचारी से विवाद भी हुआ। एसडीएम सालिकराम ने कहा कि बीमार गौवंश का इलाज कराया जा रहा है।